बोकारो:
चास प्रखंड के कुर्रा पंचायत के हरिलागोड़ा में डायरिया के प्रकोप से एक वृद्ध की मौत और 50 से अधिक लोग इसकी चपेट में आ गए हैं.
एक सप्ताह से गांव में डायरिया का प्रकोप फैला हैं और इसकी सूचना पर चास सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की टीम को भी मिली और वे मौके पर पहुंचे जरुर। लेकिन टीम के द्वारा न तो कैंप ही लगाया गया और न ही कोई इलाज की व्यवस्था ही की. सिर्फ दवा बांटकर चलते बने.
ग्रामीणो को जो दवा भी दी गयी उसकी एक्सपायरी इसी माह की थी. अब सवाल यह उठता है कि जो चिकित्सक पहुंचे थे उन्होने बच्चो को दी जाने वाली सिरप जो इसी महीने एक्सपायरी थी बिना देखे कैसे दे दी. गांव में लोग मरीजो को विभिन्न अस्पतालो में इलाज करा रहे हैं.
मी़डिया को मृतक के बेटे ने बताया कि डायरिया का दवा खाने से पिता जेएल रजवार की मौत हो गयी. बेटे के अनुसार पेट खराब होने के कारण उन्हे चिकित्सक द्वारा दी गयी दवा से मुंह से झाग निकला और उनकी मौत हो गयी. वहीं चिकित्सक मौत की वजह डायरिया नहीं मान रहे हैं.
आज भी गांव के लोगो को तालाब के पानी से बरतन साफ व कपड़ा धोते व नहाते देखा जा सकता है. गांव मे तीन सौ घऱ और आबादी एक हजार के बीच है और मात्र पांच चापाकल जिसमें कई चापाकल ऐसे स्थानो पर लगे है जहां प्रदूषित पानी की आशंका बनी रहती है ऐसे में पेट खराब होने की शिकायते आ रही हैं. अगर समय रहते स्वास्थ्य विभाग गंभीरता नहीं लेता है तो कभी भी डायरिया का प्रकोप और अधिक बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.