रांची:
प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री और झारखण्ड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने दल बदल मामले में एक बड़ा आरोप रघुवर दास पर लगाया है.
रघुवर दास पर आरोप:
शुक्रवार को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को एक मेमोरेंडम सौंपने के बाद मरांडी ने आरोप लगाया कि राज्य में हुए पिछले असेंबली इलेक्शन के बाद उनके दल के छह विधायकों को बीजेपी में शामिल कराने में सबसे बड़ी भूमिका राज्य के मौजूदा सीएम रघुवर दास की थी.
बड़े पैमाने पर हुआ रुपयों का लेनदेन: बाबूलाल
बाबूलाल ने कहा कि इस मामले में बड़े पैमाने पर रुपयों का लेनदेन भी हुआ. मरांडी ने बीजेपी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र कुमार राय के द्वारा कथित रूप से लिखे गए एक पत्र को जारी करते हुए बताया कि उस पत्र में झाविमो छोड़कर बीजेपी जानेवाले विधायकों को कुल 11 करोड़ रूपये दिए गए. उन्होंने कहा कि पत्र में इस बात का भी उल्लेख है की पैसे किसने और दिए और किसकी निगरानी में दिए गए.
सरकारी पैसे के दुरुपयोग का आरोप:
बाबूलाल ने कहा कि चुनाव के ठीक बाद बीजेपी ने सबसे पहले पद और पैसे का सरकारी दुरुपयोग किया और उनके विधायकों को तोड़ा। मरांडी ने कहा की दसवीं अनुसूची में कहीं कोई इजाजत नहीं होती कि एक विधायक दल में जा सके. यहाँ तक की निर्दलीय विधायक भी अगर किसी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करें तो उसकी सदन से सदस्यता चली जाती है. इसमें पैसे का लेनदेन हुआ है और पद का प्रलोभन दिया गया. मरांडी ने कहा कि पद तो साफ दिखता है, उसमें दो लोगों को मंत्री बनाया जबकि तीन लोगों को बोर्ड निगम में पद दिया गया.
2015 का है पत्र, जिसके आधार पर सबके खिलाफ एफआईआर की बात:
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पिछले 3 वर्षों से मेहनत कर एक पत्र मिला है. उस समय प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष रवींद्र कुमार राय थे जिन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखा कि कुल 11 करोड रुपए नगद उपलब्ध कराया गया और सभी विधायकों से प्राप्ति पर्ची रघुवर दास को सौंप दिया गया. साथ ही भाजपा में आने वाले सभी झाविमो के विधायक को शेष राशि भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के तीन साल बाद रघुवर दास द्वारा उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी ली गई है. मरांडी ने कहा कि लोकतंत्र पर यह बड़ा कलंक है. चूँकि इसमें बड़े-बड़े लोग शामिल हुए हैं इसलिए पत्र में जितने लोगों का नाम है उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो. उनका आरोप है की उनमें उत्तराखंड के मौजूदा सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी शामिल हैं.
विधायकों की सदस्य्ता रद्द करने की मांग:
उन्होंने कहा कि इसके अलावे सभी छह विधायकों की सदस्यता समाप्त हो. इसके लिए गवर्नर को मेमोरेंडम दिया गया है. साथ ही उनसे गुजारिश की गयी है कि इसके लिए स्पीकर को निर्देशित करें क्योंकि इससे बड़ा और क्या प्रमाण हो सकता है. इसके अलावे मुख्यमंत्री को बर्खास्त करने की भी मांग की गयी है. इसके बारे में कहा कि छोटी मोटी एजेंसी इसकी जांच नहीं कर सकती इसलिए इसकी जांच सीबीआई से कराई जाए.
बीजेपी ने कहा फर्जी है पत्र:
इधर बीजेपी ने बाबूलाल मरांडी द्वारा जारी किये गए पत्र को फर्जी करार दिया है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि बाबूलाल इस पत्र के मार्फत सनसनी पैदा करना चाहते हैं और गवर्नर को दिग्भ्रमित करना चाहते हैं.