धनबाद:
एक तरफ झारखंड में चिकित्सकों की घोर कमी है और सूबे के कई अस्पताल चिकित्सक के अभाव में बंद की स्थिति में है। तो दूसरी ओर पीएमसीएच धनबाद में संसाधन की कमी की वजह से एमसीआई ने 100 सीटों में से 50 सीटों पर कटौती जारी रखी है। लाख कोशिशों के बावजूद एमसीआई ने 50 सीट बढ़ाने की मंजूरी देने से इंकार कर दिया है।
कोयलान्चल के सबसे बड़े अस्पताल में संसाधन की कमी:
उत्तरी छोटानागपुर का सबसे बड़ा अस्पताल धनबाद पीएमसीएच। वैसे तो ये अस्पताल कोयलांचल के आसपास के जिलों के लिए लाईफ लाइन है। वर्ष 2016 तक इस मेडिकल कॉलेज से प्रति वर्ष 100 एमबीबीएस सीटों पर मेडिकल छात्र पढ़ाई करते है , लेकिन टीचिंग फैकेल्टी का घोर अभाव और जूनियर रेजीडेंट व पारा मेडिकल स्टाफ सहित संसाधन की कमी के कारण एमसीआई ने एमबीबीएस सीटो मे जो 50 प्रतिशत की कटौती 2017 मे की थी। उसे एक साल बाद 2018 मे भी यह जारी रखा गया है।
एमसीआई के गाइडलाइन के मुताबिक करीब 30% संसाधन की कमी:
पीएमसीएच प्रबंधन और राज्य सरकार के अश्वासन और आग्रह के बाद भी धनबाद पीएमसीएच में सिर्फ 50 सिटों पर नामांकन की अनुमति दी है। बताया जा रहा है कि एमसीआई के गाइडलाइन के मुताबिक धनबाद पीएमसीएच करीब 30 प्रतिशत संसाधन की कमी पाई गयी है। पिछले एक वर्ष मे इन कॉलेजो मे एमसीआई टीम चार बार का दौरा कर अपनी आपत्ति जाता चुकी है और स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारी और स्वास्थ्य मंत्री सीट बढ़ाने को लेकर बस कागजी घोड़ा दौड़ते रहे नतीजा सिफर रहा। हालात तो ये है कि इन कॉलेजो की एमसीआई मान्यता दाव पर लगी हुई है।
धनबाद पीएमसीएच में इस वक्त 22 विभाग है। जहाँ मेडिकल के छात्र पढ़ाई करते है। लेकिन कई विभागों में अभी छात्रो को पढ़ाने के लिए वरीय चिकित्सकों की कमी है। हालांकि प्रोन्नति देकर कुछ कमियाँ पूरी करने की कोशिश जरूर की गयी. लेकिन ये मानक के अनुरूप नहीं है।