रांची:
झारखण्ड में प्रस्तावित रेवन्यू प्रोटेक्शन एक्ट पर विपक्ष सवाल खड़ा कर रहा है. विपक्ष का आरोप है कि सरकार भ्रष्ट सरकारी अधिकारिओं और कर्मचारियों को बचाने के लिए ये कानून बनाने जा रही है.
झारखण्ड में भू-राजस्व विभाग ने रेवन्यू प्रोटेक्शन एक्ट के प्रारूप को मंजूरी दे दी है. सरकार से मंजूरी मिलने के बाद झारखण्ड में सरकारी या निजी जमीनों की हेरा-फेरी मामले में किसी अफसरों ओर कर्मचारियों पर किसी तरह की कारवाई नहीं होगी. अधिकारिओं पर एफआईआर और फौजदारी मुकदमा दायर नहीं किया जा सकेगा. एक्ट पर कार्मिक विभाग ने भी सहमती दे दी है. अब इस पर सरकार की मंजूरी का इंतज़ार है.
लेकिन विपक्ष सरकार के इस नीति पर सवाल खड़ा कर रहा है. विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी जेएमएम ने प्रेस वार्ता का आयोजन कर कहा कि सरकार भ्रष्ट सरकारी लोगों को बचाने के लिए ऐसा कानून बना रही है. JMM महासचिव विनोद पाण्डेय ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा की JMM इस एक्ट का घोर विरोध करने जा रही है. इस कानून के लागू हो जाने से अबतक हुई ज़मीन की हेराफेरी में शामिल अधिकारी और कर्मचारी बच निकलेंगे, जिन्हें सरकार बचाने का काम करने जा रही है.
वहीं विनोद पाण्डेय ने कहा कि वित्तीय वर्ष में जो बजट राशि का प्रावधान किया गया था उसका पूरा खर्च सरकार नहीं कर पाई है. उनका आरोप है कि सरकार की मंशा ही नहीं है कि विकास हो और विकास के क्षेत्र में राशि खर्च हो.