देवघर।
देवघर जिला स्थित मोहनपुर प्रखंड क्षेत्र के बैजनाडीह गांव के पास बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची द्वारा संचालित रवीन्द्रनाथ टैगोर कृषि महाविद्यालय का निर्माण कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग झारखंड सरकार द्वारा कराया गया है. जिसका उदघाटन बुधवार को झारखंड के कृषि मंत्री रणधीर सिंह और गोड्डा लोकसभा के सांसद डॉ. निशिकांत दुबे द्वारा संयुक्त रूप से फीता काटकर और दीप प्रज्वलित कर किया गया.
छात्राओं की संख्या अधिक:
इस मौके पर स्थानीय विधायक नारायण दास, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची के कुलपति डाॅ0 परविंदर कौशल सहित महाविद्यालय के प्राचार्य सभी शिक्षक, काॅलेज के छात्र-छात्रा सहित सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित दिखे. यहां होने वाले पाठयक्रम के प्रथम सत्र में 37 छात्राऐं और 13 छात्रों द्वारा नामांकन कराया गया है. साथ ही बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची से एक साल पहले से पढ़ रहे 38 छात्राऐं और 12 छात्रों को इस काॅलेज में अध्ययन करने के लिए लाया गया है. अभी इस महाविद्यालय में कुल 100 छात्र-छात्राओं द्वारा अध्ययन किया जाएगा.प्र त्येक वर्ष इस काॅलेज में 50 छात्र-छात्राओं का नामांकन इंट्रेंस एग्जाम के बाद किया जाएगा.
कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कहाः
उदघाटन के अवसर पर आए सूबे के कृषि मंत्री ने बताया कि रवीन्द्रनाथ टैगोर कृषि काॅलेज देवघर का बिल्डिंग बनकर तैयार था. इसकी पढ़ाई रांची के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में पिछले साल ही शुरू करा दी गयी थी. सांसद निशिकांत की शुरू से ही मांग थी कि इस काॅलेज में पढ़ाई चालू हो. जिसे झारखंड सरकार ने गंभीरता से लिया और इसके लिए फंड की व्यवस्था की गयी. सभी व्यवस्था कराकर कुछ दिन पहले छात्र-छात्राओं को यहां शिफ्ट कर दिया गया. यहीं रहकर छात्र-छात्राऐं अपनी पढ़ाई पूरी करेंगें. आज देवघर और गोड्डा दोनों जगहों पर बने कृषि काॅलेज का उदघाटन किया गया. दोनो जगहों पर पढ़ाई शुरू करा दिया गया है. आगे भी एनिमल हसबेन्ड्री काॅलेज जो कि हंसडीहा में है इसका उद्घाटन दिसंबर माह में हो जाएगा। ये तीनों काॅलेज संतालपरगना के किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होगा. मंत्री ने कहा कि पूरे राज्य में सात काॅलेज जो इस प्रकार बनकर तैयार थे उसकी आधारभूत संरचना और पोस्ट क्रियेट नहीं होने के चलते सारी वहां पढ़ाई नहीं हो पा रही थी. राज्य के इन सभी काॅलेजों को जनवरी 2019 तक चालू कर दिया जाएगा. जिससे झारखंड के किसानों और यहां के नौजवानों के लिए जिन्हें कृषि के क्षेत्र में रोजगार प्राप्त होगा. चाहे वह भेटनरी काॅलेज हो या कृषि काॅलेज यहां से बच्चे निकलेंगें और देश एवं राज्य की सेवा के लिए आगे आऐंगें. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का जो सपना है, 2022 तक किसानों की आय को दुगुना करना उस दिशा में इन काॅलेज से पढ़ाई करने वाले छात्र छात्राओं की सेवा लिया जाएगा.
सांसद निशिकांत दुबे ने कहा:
मौके पर उपस्थित गोड्डा लोकसभा के सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री, मंत्री, और कुलपति का शुक्रगुजार हूँ. यह काॅलेज जो वर्षों से बन गया था लेकिन यहां पर पढ़ाई नहीं चालू हो रही थी. इनलोगों द्वारा पैसे की व्यवस्था की गयी. साथ ही पोस्ट क्रियेट किया गया. आज उसकी शुरूआत हो रही है. पूरे देश में जहां कि काॅलेज के प्रति प्राइवेट काॅलेज के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ रहा है. मुख्यमंत्री, मंत्री और कुलपति संतालपरगान के लिए शुभचिंतक हैं कि यहां के बच्चे कैसे पढ़ेंगें। लोगों को रोजगार कैसे मिलेगा. यहां कृषि की आय कैसे बढ़ाई जाएगी. जिस शख्स के नाम पर यह काॅलेज बना है रवीन्द्रनाथ टैगोर साहब यहां शान्ति निकेतन बनाना चाहते थे. जो कि यहां नहीं बना पाए. उन्होंने अपने बेटे को एग्रीक्लचर की पढ़ाई करने के लिए यह कहकर भेजा कि संतालपरगना के किसानों को कैसे फायदा होगा, वह गुण वह सिखाएगा.वह तो संभव नहीं हो पाया लेकिन उनकी याद में यह काॅलेज खोला गया है और लगता है कि यहां के किसानों और बच्चों को बहुत फायदा होगा.