दुमका:
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य सरकार के 1000 दिन पूरा होने पर दुमका में आयोजित समापन समारोह में शिरकत की. इस अवसर पर 3184.66 करोड़ की 274 योजनाओं का किया शिलान्यास व उद्घाटन किया.
भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री ने 1000 दिनों में करिश्माई कार्य किया है। राज्य सरकार की जो जिम्मेदारी थी उसका निर्वहन सही ढंग से किया गया। अटल जी ने जिस सपने और सोच के साथ अलग झारखंड राज्य की परिकल्पना की थी वह अब साकार हो रहा है। झारखंड में मानव संसाधन, प्रकृति संसाधन की कोई कमी नहीं थी कमी तो नियोजित ढंग से कार्य करने की। लेकिन जिस सुनियोजित ढंग से अब कार्य हो रहा है उससे यह प्रतीत होता है कि आने वाले दिनों में झारखंड देश के विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा होगा। 1000 दिन की सफलता के लिए उपस्थित लोगों को मैं सर झुकाकर अभिनंदन करता हूं। अब मैं यह गौरव के साथ कहना चाहता हूं कि 15 साल पहले वाला दुमका नहीं रहा। वह बदल रहा है। यह शुभकामना और संदेश प्रधानमंत्री तक भी पहुंचेगा कि झारखंड अब विकास कर रहा है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि नक्सली विकास कार्यों में अड़चन पैदा ना करें। आदिवासी, गरीबों के बच्चों को गुमराह नहीं करे उनके हाथों में बंदूक नहीं दें। सरकार उनके हाथों में कलम और कंप्यूटर देना चाहती है। क्या नक्सली नेता यह बताएंगे कि वह अपने बच्चों के हाथों में बंदूक दे रहे हैं या कलम। नक्सलियों का आधार सिकुड़ रहा है। नक्सल समाप्त हो कर रहेगा। इसे कोई ताकत रोक नहीं सकती। नक्सली आत्मसमर्पण नीति के तहत सरेंडर करें। हिंसा का रास्ता उन्हें छोड़ना होगा। विकास कार्यों को नक्सली अवरुद्ध ना करें। नक्सलियों की समाप्ति के लिए सरकार को जन सहयोग की जरूरत है और मुझे उम्मीद है कि यह सहयोग सरकार को प्राप्त होगा।
देश के गृह मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया में तेजी से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्था का नाम है. अब भारत कमजोर भारत नहीं रहा. भारत का मस्तक पूरी दुनिया में ऊंचा हुआ है और यह सब संभव हुआ माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में । इस ताकतवर भारत के खिलाफ सीमा पर पाकिस्तान कोई भी गलत हरकत करता है तो उसका भारत मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। केंद्र सरकार का मानना है कि देश व राज्य का विकास हो लेकिन इसके लिए किसानों का विकास, किसानों की समृद्धि बेहद जरुरी है। यही वजह है कि माननीय प्रधानमंत्री ने 2022 तक देश के किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। नोटबंदी के फैसले ने काला धन रखने वालों की खाट खड़ी कर दी। 2018 तक देश के 5 करोड़ गरीब परिवारों को निशुल्क गैस उपलब्ध कराने का लक्ष्य है,जो प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत निर्धारित है। आजादी के बाद पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने महिलाओं को लकड़ी और धुंआ से मुक्ति प्रदान करने की सोची। पहली बार आजाद भारत में 30 करोड़ गरीब परिवारों का खाता बैंक में खोला गया ताकि योजनाओं से मिलने वाली राशि का पूरा लाभ लाभुकों को मिले। माननीय प्रधानमंत्री ने 13वें वित्त आयोग के तहत मिलने वाले 100 पैसे में से 32 पैसे को बढ़ाकर 42 पैसा कर दिया। झारखंड को इसी के तहत पहले 55, 253 करोड़ रुपया मिलता था। वह बढ़कर डेढ़ लाख करोड़ हो गया। यह बदलते झारखंड, बदलते भारत और परिवर्तन के पथ पर अग्रसर देश की छोटी सी पहचान है। श्री शुक्रवार को दुमका हवाई अड्डा में राज्य सरकार के 1000 दिन पूरे होने पर आयोजित गरीब कल्याण मेला में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। श्री सिंह ने कहा कि कमजोर भारत की परिभाषा बदल रही है, अब यह तेजी से विकास करने वाला भारत बन रहा है।
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राज्य में अब पहले जैसी बात नहीं.यहां का सकल घरेलू उत्पाद दर 8.6 है और इसी रफ्तार से अगर विकास के कार्य होते रहे तो 2019 तक 10ः से ऊपर तक विकास दर जाएगा, यह मेरा यकीन है. राज्य में विदेशों से पूंजी लगाने वाले आ रहे हैं. उद्योग लगने और लगाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है. इस मार्ग में कई कठिनाइयां थी जिसे राज्य के मुख्यमंत्री ने दूर किया है यही वजह है कि व्यापार करने में सुगमता मामले में झारखंड जो पहले 29 वें स्थान पर था वह 7 वें स्थान पर आ गया है. गृह मंत्री ने राज्य के लोगों की कठिनाइयों के निवारण हेतु 181 की सुविधा बहाल की है ताकि मुख्यमंत्री स्वयं राज्य के लोगों की समस्याओं को जाने और उसका निवारण करें. राज्य के गरीबों को एक रुपए की दर से 35 किलो खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है यह अद्भुत है. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत झारखंड ऐसा पहला राज्य है जो गैस सिलेंडर के साथ चूल्हा भी उपलब्ध करा रहा है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने मानसून आधारित कृषि को बदलने और बहुफसली खेती को बढ़ावा देने के लिए डोभा का निर्माण करवाया, जिसके माध्यम से किसान बहुफसली खेती करने की ओर अग्रसर हो रहे हैं. 1000 दिन कम समय नहीं है. एक बदलाव राज्य के लोगों की जिंदगी में दिख रहा है.यह बदलाव झारखंड में पूरी ताकत से परिलक्षित हो इस निमित्त और सुनियोजित ढंग से कार्य हम सबको मिलकर करना है.
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि 1000 दिन मेरा पराक्रम नहीं, बल्कि जनता के आशीर्वाद से यह प्राप्त हुआ है. जनता की अपेक्षाओं और उनकी कसौटी पर खरा उतरने से असीम आनंद की प्राप्ति होती है.मैं राज्य की जनता को यह पराक्रम प्रदान करने के लिए नमन करता हूं. मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब कल्याण मेला के आयोजन का उद्देश्य यही है कि राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को सीधे मिले. आजादी के बाद से यहां के लोग बिचैलियों द्वारा शोषित होते रहे हैं. लेकिन अब सरकार और जनता के बीच कोई दीवार नहीं रहेगी. राज्य सरकार ने तय किया है कि बजट का एक एक पैसा गरीब के घर में जाना चाहिए. यही प्रयास इस मेले के आयोजन के तहत हो रहा है. लोगों को स्वराज प्राप्त हुआ अब सुराज प्राप्त हो और यह मेला उस निमित्त कारगर साबित होगा. संथाल की जनता को मतपेटी भरने के लिए उपयोग किया गया और नेताओं ने अपना जेब भरा.जनता पीछे रह गई लेकिन वर्तमान सरकार ने तय किया है कि योजनाओं का लाभ लोगों को पारदर्शी ढंग से प्राप्त हो.सरकार का लक्ष्य समृद्ध झारखंड बनाने का है. राज्य सरकार खजाने का एक- एक रुपया गरीबी मिटाने पर खर्च करेगी.
रघुवर दास ने कहा कि 11 से 22 सितंबर तक आयोजित गरीब कल्याण मेला के जरिए 800 करोड़ रुपए की योजनाओं के लाभ से राज्य के लोगों को लाभांवित किया गया है.कुल 1 लाख 50 हजार लोग लाभान्वित हुए. आधारभूत संरचनाओं के विकास हेतु 8, 820 करोड़ रुपए से निर्मित होने वाले आधारभूत संरचनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण हुआ. माननीय प्रधानमंत्री की सोच है गरीब, किसान, शोषित, दलित-पिछड़ों की जिंदगी में खुशहाली लाने की.इसी सोच को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है.प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत अब तक राज्य के 8 लाख गरीब परिवारों के बीच गैस सिलेंडर और चूल्हा का वितरण हुआ है. 2018 मार्च तक 18 लाख परिवारों को इस योजना से आच्छादित करने का लक्ष्य तय किया गया है. महिलाओं को स्वालंबन की ओर अग्रसर करने के लिए 90ः अनुदान पर दो-दो गाय उपलब्ध कराया जा रहा है.
मुख्यमंत्री उद्यमी बोर्ड के तहत राज्य के 32 हजार गांवों में यह योजना दिसंबर से प्रारंभ होगी, जिसके तहत 4 लाख 80 हजार महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें स्व-रोजगार व रोजगार से जोड़ा जाएगा. केंद्र और राज्य सरकार गरीब कल्याण वर्ष मना रही है हर हाथ को रोजगार मिले। 2019 तक गरीबी रेखा से नीचे कोई जीवन बसर ना करे यह तय किया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी परंपरा और संस्कृति का संरक्षण जरूरी है. आदिवासी संस्कृति पर हमला हो रहा है। इसे अक्षुण्ण रखने के लिए तथा इसे बचाकर रखने के लिए सरना और मसना स्थल की घेराबंदी का कार्य किया जा रहा है.