पाकुड़:
प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिलने पर महेशपुर में महिलाओं ने मुखिया के खिलाफ मोर्चा खोला. झारखंड अलग होने के 16 वर्ष बाद भी झुग्गी-झोपड़ी में रहने को विवश हैं ग्रामीण.
पाकुड़ जिले में महेशपुर प्रखंड अंतर्गत हरीजन पाड़ा, जहां झारखंड अलग होने के 16 साल बाद भी दर्जनों हरिजन परिवार को अब तक चाहे इन्दिरा आवास हो या प्रधानमंत्री आवास किसी योजना का लाभ नहीं मिला है. हरिजनपाड़ा में लगभग तीस घर हैं, जहां आज भी दर्जनों परिवार झुग्गी-झोपड़ी में रहने को विवश है.
गांव में एक चापानल है जिससे गंदा पानी निकलता है. जिसका इस्तेमाल मजबूरन ग्रामीण करते हैं. गांव के अधिकतर पुरूष मज़दूरी करते हैं तो महिलाएं दूसरे के घर में काम कर जीवन यापन कर रहीं हैं. ग्रामीणों को कहना है कि इनकी सूदी लेने वाला कोई नहीं है.
पंचायत के मुखिया बबीता पहाड़ीन पिछले सात वर्षों से पंचायत का प्रतिनिधित्व करती हैं, लेकिन आज तक पंचायत के हरिजन टोला में मुलभूत सुविधाएं नहीं दिला पायीं.
इस वर्ष प्रधानमंत्री आवास नहीं मिलने से नाराज महिलाओं ने मुखिया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ग्रामीण महिलाओं का आरोप है कि पंचायत के मुखिया पति बिचैलिया के सहयोग से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने के लिए अवैध वसुली कर प्रधानमंत्री आवास दिलाते हैं. साथ ही अपनी मांगों को मुखिया के समक्ष बार-बार रखने पर भी मुखिया इस ओर कोई ध्यान नहीं देतीं हैं.
महिलाओं ने सरकार से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने और पूरे मामले की जांच करने की मांग की है.