नागपुर: जिस शहर में लगे CCTV कैमरों से न जाने कितने केस सुलझे हों, वहां अचानक एक-दो नहीं बल्कि हज़ारों की तादाद में CCTV कैमरे बंद हो जाये तो पुलिस महकमा की मुश्किलें बढ़नी लाजमी है। ऐसा ही कुछ हुआ है महाराष्ट्र के नागपुर शहर में।
महाराष्ट्र के नागपुर शहर के 3700 सीसीटीवी कैमरे बंद होने से स्थानीय पुलिस का काम मुश्किल हो गया है। दरअसल, शहर में प्राइवेट कंपनी द्वारा सीसीटीवी कैमरे संचालित किए जाते हैं, लेकिन कंपनी को सरकार द्वारा भुगतान न किए जाने के कारण इन्हें बंद कर दिया गया है। नागपुर शहर के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार का कहना है कि शहर में लगे 3700 सीसीटीवी बंद होने से काफी असर पड़ रहा है। क्राइम और शहर में लॉ एंड ऑर्डर हम पूरी तरह से सीसीटीवी से मॉनिटर करते थे। अब सीसीटीवी बंद होने से बड़ा चैलेंज हो गया है। उन्होंने कहा कि हमने कंपनी से अनुरोध किया है कि वो सभी सीसीटीवी कैमरों को फिर से शुरू कर दे, क्योंकि ये लोगों की सुरक्षा का अहम मुद्दा है।
यहां बता दें कि नागपुर शहर में सीसीटीवी लगाने के लिए एक प्राइवेट कंपनी को टेंडर मिला था। टेंडर मिलने के बाद प्राइवेट कंपनी ने पूरे शहर में 3700 सीसीटीवी कैमरे लगाए। इन सीसीटीवी का कंट्रोल नागपुर पुलिस के पास भी था, जो शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से पूरे शहर में निगरानी भी रखते थे। लेकिन कंपनी को सरकार द्वारा भुगतान न किए जाने के कारण इन्हें बंद कर दिया गया है।
इऩ दिनों नागपुर में कई ऐसे अपराध हुए है, जिसे नागपुर पुलिस ने सिर्फ सीसीटीवी कैमरे की मदद से सुलझा लिया था। ऐसे में पूरे शहर में लगे 3700 कैमरे बंद होने से पुलिस की चिंता काफी हद तक बढ़ चुकी है। हालाँकि, नागपुर पुलिस के वरीय अधिकारी अपनी तरफ से हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि यह मामला ज्लद से जल्द सुलझ सके।