Ranchi: देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री (Deoghar DC Manjunath Bhajantri) ने ट्वीटर पर एक तस्वीर शेयर की है जो चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, जमीन से जुड़े एलपीसी के एक मामले में देवघर डीसी झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के आदेश के बाद बीती रात सशरीर कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट से निकलने के कुछ घंटे बाद ही उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्वीटर पर डॉ भीम राव अंबेडकर (Dr. Bhim Rao Ambedkar) की एक तस्वीर शेयर की है।
डीसी द्वारा डॉ. बी आर अम्बेडकर की फोटो के साथ शेयर की गयी बात का मूल हिंदी अनुवाद है ‘अगर मुझे लगता है कि संविधान का दुरुपयोग हो रहा है, तो मैं इसे जलाने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा’।
बीते देर शाम हाईकोर्ट में हुए थे हाजिर शुक्रवार
दरअसल, देवघर उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री देर शाम झारखंड हाईकोर्ट में हाजिर हुए थे। हाईकोर्ट के जस्टिस ने एलपीसी (LAND POSITION CERTIFICATE) पेंडिग रखने पर नाराजगी जताते हुए मुख्य सचिव को देवघर डीसी और मोहनपुर सीओ को शुक्रवार रात आठ बजे तक उपस्थित होने का निर्देश दिया था। हाजिर नहीं होने की स्थिति में इन अधिकारियों के खिलाफ वारंट जारी किया जा सकता था। अदालत ने यह निर्देश दिया था।
पहले भी विवादों में रहे हैं मंजूनाथ
मंजूनाथ भजंत्री पहले भी विवादों में रहे हैं। दिसंबर 2021 में चुनाव आयोग ने देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री को पद से हटाने का आदेश भी दिया था। आयोग ने इस संबंध में मुख्य सचिव को पत्र लिखकर 15 दिनों में आरोप पत्र गठित करते हुए मंजूनाथ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया था। इतना ही नहीं आयोग ने यह भी कहा कि बिना उसकी सहमति के भजंत्री को भविष्य में चुनाव से संबंधित किसी तरह के काम में नहीं लगाया जाए। चुनाव आयोग ने मंजूनाथ को गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे पर एक ही दिन में पांच अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज कराने के मामले में दोषी माना था। इससे पहले चुनाव आयोग ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए उनसे यह भी पूछा था कि आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में गोड्डा सांसद पर 6 महीने की देरी से एफआईआर क्यों दर्ज कराया गया।
वहीं, अप्रैल 2022 में देवघर में हुए रोपवे हादसे के लिए गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने मंजूनाथ को जिम्मेदार ठहराया था। इतना ही नहीं रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एमपी और डीसी में नोकझोंक भी हुई थी। यही नहीं महालेखाकार ने देवघर जिले में पिछले 5 साल के दौरान 7 करोड़ 40 लाख रुपए का आवंटन बिना खर्च करने और और समायोजित एडवांस वाउचर का मामला उजागर किया था। उसको लेकर भी देवघर डीसी पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगा था।