Deoghar: प्रगतिशील लेखक संघ देवघर की ओर से रविवार को जाने-माने व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई की जन्मशती के उपलक्ष में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इसकी अध्यक्षता संघ के जिलाध्यक्ष प्रो राम नंदन सिंह ने करते हुए कहा कि हिंदी साहित्य में हरिशंकर परसाई ने एक नई विधा को जन्म दिया, जो व्यंग्य विधा के नाम से आज जाना जा रहा है। उन्होंने प्रगतिवादी विचारों को व्यंग्य के माध्यम से आगे बढ़ाया, जिसके लिए हिंदी साहित्य सदैव ऋणी रहेगा।
पालन कुमार झा ने हरिशंकर परसाई की रचनाओं को गोष्ठी में विस्तार से रखा। मुख्य अतिथि के तौर पर रिटायर्ड प्राचार्य डॉ नागेश्वर प्रसाद शर्मा पहुंचे थे।उन्होंने अपने विचारों में कहा कि व्यंग विधा में हरिशंकर परसाई का कोई जोड़ा नहीं है। उन्होंने वास्तव में व्यंग रचनाएं कर हिंदी जगत में कृतिमान स्थापित किया।वर्तमान समय में लोग व्यंग्य नहीं तंज कसते हैं, जो साहित्यिक विधा में दोष के तौर पर माना जा सकता है।
संघ के सचिव फाल्गुनी मरीक कुशवाहा ने कहा कि हरिशंकर परसाई ने व्यंग के माध्यम सरकारी व्यवस्था पर करारी चोट दी, लेकिन देश और समाज में विसंगतियां कायम है। जनवादी लेखक संघ के रवि शंकर साह ने कविता पाठ कर माहौल में बदलाव लाया, जबकि प्रकाश चंद्र झा ने व्यंग्य के मशहूर साहित्यकार हरिशंकर परसाई की जीवनी पर प्रकाश डाला।संघ के उपाध्यक्ष प्रसून बसु ने हरिशंकर परसाई की रचनाओं यह कई उदाहरण गोष्ठी में पेश किया एवं तिलक सेवा समिति की हरे कृष्ण राय ने कहा कि हरिशंकर परसाई आज हम लोगों के बीच नहीं हैं लेकिन उनकी रचनाओं में जो नयापन है, उसे कतई नकारा नहीं जा सकता है।
गोष्ठी में सरोज गुप्ता ने भजन प्रस्तुत की, जबकि अनिता चौधरी ने लोक गीत प्रस्तुत कर गोष्ठी में समा बांध डाली. इस अवसर पर सियाराम गिरी, हरेंद्र सोरेन आदि मौजूद थे। धन्यवाद ज्ञापन के प्रश्चात गोष्ठी का समापन किया गया।