Ranchi: झारखंड सरकार (Jharkhand Government) 28 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र (Monsoon Session) में 1932 के भूमि सर्वे के दस्तावेज खतियान पर आधारित डोमिसाइल पॉलिसी (Domicile policy based on survey documents) और आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने वाला बिल (Bill to increase the percentage of reservation) दोबारा लाने की तैयारी कर रही है।
पिछले साल विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सरकार ने दोनों बिल पारित कराए थे। लेकिन, राज्यपाल ने इन्हें मंजूरी नहीं दी थी। उन्होंने एक-एक कर दोनों विधेयकों को संवैधानिक प्रावधानों, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ बताते हुए लौटा दिया था। दोनों विधेयकों को लेकर की गई आपत्तियों पर राज्य सरकार विधिक परामर्श ले रही है। इसी को आधार बनाकर नए सिरे से विधेयक लाने की तैयारी है। दोनों विधेयक सरकार की प्राथमिकता में हैं।
पिछड़ा वर्ग आरक्षण विधेयक को राज्यपाल ने इसी वर्ष अप्रैल में अटार्नी जनरल के परामर्श के बाद लौटा दिया था। अटार्नी जनरल ने अपने परामर्श में इस बात का हवाला दिया था कि इस विधेयक के पास होने से पूर्व में सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए कई आदेशों का उल्लंघन होगा। झारखंड पदों और सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण संशोधन विधेयक को सत्ताधारी गठबंधन ने अपने घोषणापत्र में भी प्राथमिकता की श्रेणी में रखा है।
वर्तमान में राज्य में पिछड़े वर्गों को 14 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिल रहा है, जिसे बढ़ाकर राज्य सरकार 27 प्रतिशत करना चाह रही है। अनुसूचित जनजाति का आरक्षण 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत और अनुसूचित जाति का आरक्षण 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने का प्रस्ताव था।
राज्य सरकार ने ओबीसी आरक्षण और 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति (डोमिसाइल) संबंधी विधेयक को राज्यपाल के अनुमोदन के लिए राजभवन भेजा था। दोनों विधेयकों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए राष्ट्रपति को भेजने का प्रस्ताव दिया था।
दूसरी ओर 1932 के खतियान आधारित विधेयक को तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस ने यह कहते हुए लौटाया था कि इसकी समीक्षा करें। राज्यपाल ने कहा था कि विधेयक की वैधानिकता पर गंभीरतापूर्वक समीक्षा कर लें और यह देख लें कि यह संविधान के अनुरूप है या नहीं। यह भी समीक्षा करने का निर्देश दिया था कि विधेयक से सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना तो नहीं हो रही है। झारखंड के डोमिसाइल से संबधित विधेयक को जनवरी 2023 में वापस किया गया था। (IANS)