Deoghar: सावन महीने का आज पहला दिन है और सावन माह शिव को अत्यंत प्रिय है कहा जाता है कि सावन माह में ही समुद्र मंथन हुआ था जिसमें हलाहल विष निकला था. उसको शिवजी ने अपने अंदर ग्रहण कर लिया था. जिसके बाद उनके कंठ में काफी जलन महसूस हुई थी.
जिसके बाद देवी देव दानव दैत्य सभी लोग बाबा भोलेनाथ को गंगाजल से स्नान कराए थे और बेलपत्र का भोग लगाए थे. कहा जाता है कि गंगा का जल और बेलपत्र ग्रहण करने से विष का असर खत्म हो जाता है और राहत मिलती है.
उसी समय से यह परंपरा चली आ रही है कि सावन के माह में गंगाजल और बेलपत्र बाबा भोलेनाथ को अर्पण किया जाता है. देवघर मंदिर के पुरोहित जय बैजनाथ ने बताया कि सावन माह उत्तम मास माना जाता है.
इस समय काल मे श्रद्धालु गंगाजल और विलपपत्र बाबा भोलेनाथ को अर्पण करते हैं उन्हें मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है यही कारण है कि सावन माह पहले दिन ही श्रद्धालु बाबा धाम पहुंच रहे हैं और बाहर भी कर रहे हैं