Deoghar: लखराज जमीन का हस्तांतरण एवं निबंधन की मांग को लेकर आमरण अनशन करने वाले पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री कार्तिक नाथ ठाकुर, संतोष पासवान तथा उनके सहयोगियों पर नगर एवं बाबा मंदिर थाना में भड़काउ भाषण देने जबरन दुकान बंद कराने तथा शिघ्र दर्शनम को बंद करने एवं सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में अलग-अलग मामला दर्ज किया गया है।
नगर थाना में यह मामला कार्यपालक दंडाधिकारी सुप्रिया भगत ने दर्ज कराया है। कहा है कि कार्तिक नाथ ठाकुर के द्वारा 15 मार्च से वीआईपी चौक पर अपने सहयोगियों के साथ मिलकर लखराज जमीन के हस्तांतरण एवं निबंधन नहीं किये जाने को लेकर आमरण अनशन और धरना प्रर्दशन किया जा रहा है। कहा है कि अपने साथ प्रदर्शन् पर बैठे आमरण अनशन में लगभग 25 से 30 सहयोगियों को भी अपने साथ भूखे रहने के लिये प्रेरित किया। मामले में कहा है कि आमरण अनशन के क्रम में उन्होंने कई भड़काउ बयान भी दिया तथा जिला प्रशासन के विरूद्ध भी अपशब्द का प्रयोग किया। साथ ही उनके द्वारा बाबा बैद्यनाथ मंदिर में शीघ्रदर्शनम एवं वीआईपी पास बंद रखने का आह्वान किया गया। जिससे श्रद्धालुओं के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया गया।
आमरण अनशन के क्रम में 18 मार्च को उनके द्वारा रविवार यानी 19 मार्च को देवघर बाजार बंद रखने का आह्वान सोशल मिडिया के द्वारा किया गया। जिससे 19 मार्च को व्यवसायी समुदाय एवं स्थानीय लोगों में एक अव्यवस्था एवं भय का माहौल बना रहा। कई दुकाने बंद रही कई दुकान जो खुले थे उन्हें असामाजिक तत्वों के सहयोग से गैर कानूनी तरीके से जबरन बंद कराने का प्रयास किया गया।
वहीं बाबा मंदिर थाना में सारवां के पशु चिकित्सा पदाधिकारी सह मंदिर में प्रतिनियुक्त दंडाधिकरी डॉ सतेन्द्र चौधरी ने मामला दर्ज कराया है। कहा है कि उन्हें उपायुक्त द्वारा बाबा बैद्यनाथ मंदिर में विधि व्यवस्था संधारण के लिये दंडाधिकारी के रूप में 20 मार्च को तैनात किया गया था। कहा है कि अपने निर्धारित समय पर पट खुलने के उपरांत बाबा बैद्यनाथ मंदिर पहुंचे तो शीघ्र दर्शनम की व्यवस्था बंद पाया। उसके बाद वे मंदिर कंट्रोल रूम पहुंचे और मंदिर कर्मियों से बात किया तो पता चला कि कार्तिकनाथ ठाकुर के आह्वान पर उनके समर्थकों द्वारा शिघ्र दर्शनम व्यवस्था को बंद कर दिया गया है। जबकि जिला प्रशासन जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार या किसी अन्य प्राधिकार , सक्षम न्यायालय द्वारा बंद कराने संबधित कोई आदेश नहीं था। शिघ्र दर्शनम के कतार में लगे श्रद्धालुओं को कार्तिकनाथ ठाकुर के समर्थकों द्वारा दर्शन करने से रोक दिया गया। इस वजह कई शिघ्र दर्शनम करने वाले श्रद्धालुओं को धर्मिक ठेंस पहुंचा। मामला दर्ज कर दोनों थाना की पुलिस जांच में जुट गयी है।