Ranchi: भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की तबीयत चिंता की वजह से खराब हुई है। उन्हें पता है कि शराब घोटाले मामले में अधिकारी को बुलाने के बाद भी वह समक्ष नहीं आ रहे। इस चिंता में उनकी तबीयत पर असर पड़ा है।
दरअसल, मंत्री जगरनाथ महतो की मंगलवार को अचानक तबियत खराब हो गई थी। चेन्नई में मंत्री का इलाज चल रहा है। मरांडी ने ट्वीट करते हुए लिखा, मैं झारखंड के शिक्षा एवं आबकारी विभाग के मंत्री जगरनाथ महतो के शीघ्र स्वस्थ होकर चेन्नई से लौटने की ईश्वर से कामना करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कुछ जानना चाहता हूं। इस ट्वीट के साथ बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन से सात सवाल किए हैं।
बाबूलाल मरांडी ने पहला सवाल पूछा क्या आपको पता है कि दिल्ली वाले मंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ़्तारी के बाद से मंत्री जगरनाथ महतो जी बेहद तनाव में हैं। झारखंड में छत्तीसगढ़ी दारू सिंडिकेट के कारनामे की ताज़ा जानकारी जानने के लिये उनके बुलावे पर भी अधिकारी उनसे मिलने नहीं जा रहे थे नतीजतन चिंता से परेशान मंत्री ने बैंक गारंटी बग़ैर शराब बेचने का काम कर रहे कंपनियों पर तुरत कार्रवाई करने के लिये लिख भेजा, ताकि वो आगे मुख्यमंत्री किये की परेशानी में न खुद न पड़ जाये।
बाबूलाल मरांडी ने पूछा छत्तीसगढ़ी शराब घोटाला की आप खुद अपनी कारिस्तानी एवं नाजायज लाभ के लिये अस्वस्थ चल रहे जगरनाथ महतो को तनाव में रखने का काम क्यों कर रहे हैं। गुजरे दस महीनों में शराब के खेल में जो लूट, मनमानी, अराजकता एवं राजस्व की क्षति हुई, इसके लिये ज़िम्मेदार कौन है।. क्या आपने इस मामले में दोषियों को चिन्हित कर क़ानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया है। क्या आप मनरेगा, पत्थर-बालू, ज़मीन लूट लेकर नित नये उजागर हो रहे घोटाले की तरह शराब घोटाले का भांडा फूटने का भी इंतज़ार कर रहे हैं।
उन्होंने दावा किया है कि यदि जांच हुई तो पता चलेगा कि झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार द्वारा लाई गई शराब नीति के बाद हजारों करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। उन्होंने दावा किया कि 700 करोड़ रुपये का घोटाला तो सरकार खुद स्वीकार कर रही है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन निर्दोष हैं तो मामले की जांच सीबीआई को सौंपनी चाहिए।