Deoghar: आज महाशिवरात्रि है। देवघर में बाबा बैद्यनाथ को जलार्पण करने को श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही शिवलिंग की उत्पत्ति हुई थी,यही कारन है कि सदियों से इस पावन तिथि पर महाशिवरात्रि विधिविधान से मनाई जा रही है। इसे शिव पार्वती विवाहोत्सव के रूप में भी मानते है। बाबा धाम देवघर में वैदिक रीती से महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ की विशेष पूजा होती है। आज रात बाबा की चार प्रहर पूजा होगी।
चार प्रहर की विशेष पूजा बड़ा ही अलौकिक होता है। षोडशोपचार विधि से होनेवाली यह पूजा चार प्रहर में बाबा मंदिर के गर्भ गृह में चलती रहती है। इस पूजा में बाबा को सोलह प्रकार के भोग और पूजन सामग्री अर्पित की जाती है। चूँकि यह विशेष पूजा साल में मात्र एक बार शिवरात्रि पर ही की जाती है इसलिए यह बड़ा ही भावपूर्ण और आत्म अनुभूति प्रदान करने वाला होता है।
चार प्रहर की पूजा के दौरान हर प्रहर में बाबा को दूध, दही, घी, मधु शक्कर, गुलाब जल, इत्र आदि अर्पित करने के बाद बाबा के पर चावल, डाभ, धतूरा आदि चढ़ाये जायेंगे। इसके बाद धोती- चादर चढ़ायी जायेगी। बाबा को वर की तरह माला आदि पहनाकर दूल्हे की तरह सजाने के बाद विग्रह पर साड़ी व शृंगार सामग्री अर्पित कर विग्रह पर सरदार पंडा बेलपत्र से सिंदूर अर्पित कर हर प्रहर पूजा ‘को संपन्न करेंगे। बता दें कि साल में एक बार महाशिवरात्रि पर ही बाबा के विग्रह पर सिंदूर अर्पित करने की परंपरा है। मान्यता के अनुसार, बाबा के साथ माता पार्वती इसी जगह पर विराजमान होती हैं।
ऐसा माना जाता है कि जो भी मनुष्य इस चार प्रहार की पूजा में अनजाने में भी शिवलिंग पर जलार्पण या विल्वपत्र अर्पण कर देता है उसके जन्म जन्मान्तर के पाप नष्ट हो जाते है और उन्हें अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है।