Ranchi: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने गुरुवार को राज्य के नगर निकायों में नक्शे स्वीकृति में पैसों के खेल मामले में कोर्ट के स्वत: संज्ञान और नक्शा स्वीकृति से संबंधित राधिका शाहदेव एवं लाल चिंतामणि नाथ शाहदेव की हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने रांची नगर निगम से नक्शा स्वीकृति पर रोक जारी रखी है।
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कई बिंदुओं पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने पैरवी की। वहीं, हस्तक्षेप कर्ता की ओर से अधिवक्ता लाल ज्ञानरंजन नाथ शाहदेव ने पैरवी की।
सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि आरआरडीए में 1982 के बाद से कोई स्थाई नियुक्ति नहीं हुई है और रांची नगर निगम में भी पिछले 20 वर्षों से नियुक्ति नहीं हुई है, कांट्रैक्ट बेसिस पर कर्मियों से काम कराया जा रहा है। रांची नगर निगम और आरआरडीए में जितने सृजित पद हैं उससे भी कम कर्मियों से काम कराया जा रहा है। कुछ दूसरे विभागों से कर्मियों को लाकर और संविदा पर कुछ कर्मियों को रखकर काम चल रहा है, इससे नक्शा स्वीकृति मामले में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
रांची नगर निगम और आरआरडीए में स्वीकृत पदों को स्थाई नियुक्ति से भरने के लिए सरकार क्या विचार कर रही है, इसकी जानकारी दें। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि रांची नगर निगम में नक्शा पास करने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए, ताकि नक्शा स्वीकृति में कम समय लगे। मकानों के मैप वेरिफिकेशन के बाद रांची नगर निगम में कागजात के साथ नक्शा जमा किया होता है और उसके बाद 10 दिनों के भीतर नक्शा स्वीकृति की पूरी प्रक्रिया हो जाए, ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो।
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 11 जनवरी, 2023 निर्धारित की है। इससे पूर्व अधिवक्ताओं की टीम की ओर से बताया गया कि टीम ने बुधवार को शाम 6 बजे रांची नगर निगम में नक्शा पास करने की विभिन्न प्रक्रियाओं की जानकारी हासिल की है। टीम ने इस बारे में कोर्ट को अवगत कराया।
उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने रांची नगर निगम से नक्शा स्वीकृति पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी। इससे संबंधित खबर रांची के स्थानीय समाचार पत्र में छपी थी, जिस पर कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था।