Deoghar: चंद पैसों की खातिर कुकुरमुत्ते की तरह उग आए निजी अस्पताल और क्लिनिक की एक ऐसी शर्मनाक हकीकत सामने आई है जिसके बारे मे सुनकर यक़ीनन धरती के भगवान बताये जाने वाले चंद चिकित्स्कों से आपका भरोसा उठ जायेगा. मामला सामने आए है देवघर के सुभाष चौक स्थित डॉक्टर अमित केशरी के नर्सिंग होम से जहां सूरज की पहली किरण के साथ ही हंगामा बरप गया. क्यूंकि, लापरवाह क्लिनिक कर्मी और बेपरवाह डॉक्टर की वजह से कटोरिया स्थित रजवाड़ा निवासी एक बुजुर्ग की इलाज मे बरती गई किताही की वजह से मौत हो गई. यकीन जानिए यह आरोप हम नहीं लगा रहे बल्कि, मृतक के परिजन चीख चीख कर निजी अस्पताल और डॉक्टर की एक एक करतूत भरी भीड़ मे बयां कर रहे थे.
सीने मे दर्द और बलगम मे खून आने की शिकायत पर भर्ती हुए थे बुजुर्ग
मृतक के परिजनों की माने तो, बीते बुधवार को कटोरिया स्थित रजवाड़ा निवासी बुजुर्ग को सीने मे दर्द की शिकायत हुई और उनके बलगम मे खून भी दिखाई दिए लिहाजा, परिजनों ने आनन फानन मे उन्हें सबसे पहले कटोरिया के ही रेफरल अस्पताल मे भर्ती कराया लेकिन, मरीज की हालत नाजुक देखते हुए परिजन उन्हें लेकर फ़ौरन देवघर पहुंचे और डॉक्टर केशरी से मिले. डॉक्टर ने मरीज को भर्ती करने से पहले परिजनों से इलाज को लेकर बातचीत की और ₹7,500 प्रतिदिन के हिसाब से चार्ज बता मरीज का इलाज इस दावे से शुरू किया की, मरीज की मर्ज का इलाज देवघर मे उनके अलावा कोई दूसरे डॉक्टर नहीं कर सकते. जिसे सुनकर परिजनों को भी डॉक्टर की काबिलियत पर यकीन हो गया और उन्होने मरीज को उस निजी क्लिनिक मे भर्ती करा दिया.
रात के वक्त बिगड़ी मरीज की हालत, डॉक्टर ने आने से किया मना!
मृतक मरीज के परिजन बताते हैँ की, रात के वक्त मरीज की तबियत अचानक बिगड़ने लगी. ऐसे मे घबराकर उन्होंने डॉक्टर से संपर्क किया लेकिन, डॉक्टर का जवाब सुनकर उनके होश फख्ता हो गए. बतौर, परिजन डॉक्टर ने कहा “मैं डॉक्टर हूं, रात को मरीज नहीं देखता”. बात इतने पर ही खत्म नहीं हुई, निजी अस्पताल मे कार्यरत कंपाउंडर ने भी मरीज को देखने की जहमत नहीं उठाई. और तड़के दर्द से तङप कर मरीज की मौत हो गई.
डॉक्टर की करतूत पर पर्देदारी की कोशिश हुई शुरू.
निजी अस्पताल मे बरती गई इस लापरवाही के बावज़ूद डॉक्टरों के एसोशियेशन ने हर बार की तरह ही निजी क्लिनिक संचालक डॉक्टर और कर्मियों का बचाव शुरू कर दिया है. बहरहल, देवघर मे जिस तरह से उग आए निजी क्लिनिक मे मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जाता है उसपर लगाम बेहद ज़रूरी है वरना कहीं ऐसा न हो की, चंद नीम हकीम की करतूतों का खामियाजा बेहतर चिकिसको को भुगतनी पड़े जाए.