Ranchi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी बताए जा रहे प्रेम प्रकाश के घर छापेमारी में मिली दो एके-47 राइफल रांची जिला बल के जवानों की हैं। इस बात की पुष्टि सार्जेंट मेजर और अरगोड़ा थानेदार की जांच में बुधवार को हुई है।
ईडी के अधिकारियों ने हरमू स्थित प्रेम प्रकाश के आवास से दो एके-47 बरामदगी मामले को लेकर रांची जिला के अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद सार्जेंट मेजर अभिनव कुमार और अरगोड़ा थानेदार विनोद कुमार जांच करने पहुंचे। जांच में पुष्टि हुई कि यह रांची जिला बल के जवानों के हथियार हैं।
झारखंड पुलिस के अधिकारियों के अनुसार जवानों की तैनाती कहीं और थी। किन परिस्थितियों में उनके हथियार प्रेम प्रकाश के घर मिले, इसकी जांच की जायेगी।
हालाँकि रांची पुलिस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि ” 24 अगस्त को परिचारी प्रवर- प्रथम, पुलिस केन्द्र, रांची को रांची जिला बल के दो आरक्षियों द्वारा लिखित सूचना दिया गया कि उक्त दोनो आरक्षी दिनांक-23.08.2022 को ड्यूटी के बाद वापस लौट रहे थे इसी क्रम में बारिश होने के कारण अपने पूर्व परिचित (प्रेम प्रकाश के स्टाफ) के पास अपना-अपना ए0के0-47 एवं उसके साथ निर्गत गोलियाँ आलमीरा में रखकर चाभी लेकर अपने-अपने घर चले गये। आज सुबह दोनो हथियार लेने वापस आये तो पाया कि आवास में छापामारी की जा रही है जिसके कारण ये हथियार नहीं ले पाये। पु०नि०- सह- थाना प्रभारी अरगोड़ा के द्वारा जाँच में पाया गया है कि प्रेम प्रकाश के आवास पर ED टीम के द्वारा छापामारी के क्रम में उपरोक्त दोनों आरक्षियों के दोनो ए0के0-47 एवं उसके साथ निर्गत गोलियाँ बरामद की गयी है। दोनों ए0के0-47 एवं उसके साथ निर्गत गोलियों को प्राप्त करने हेतु ED से पत्राचार किया गया है। उक्त घोर लापरवाही के लिए दोनों आरक्षियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है एवं अग्रतर कार्यवाही की जा रही है।”
गौरतलब है कि मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध खनन से जुड़े मामले में ईडी की कार्रवाई लगातार जारी है। इसी को लेकर बुधवार सुबह रांची में प्रेम प्रकाश के ऑफिस सहित 17 स्थानों पर ईडी ने एक साथ छापेमारी की है। प्रेम प्रकाश को झारखंड के सत्ता के गलियारे में पावर ब्रोकर के रूप में जाना जाता है। ईडी की टीमों ने उसके और उसके करीबियों के 18 ठिकानों पर बुधवार सुबह से छापामारी शुरू की है। इसके पहले 25 मई को भी उसके आधा दर्जन ठिकानों पर छापामारी में कई कीमती सामान बरामद किये गये थे। एक कंबोडियन कछुआ भी उसके घर से मिला था, जिसे बाद में एक चिड़ियाघर को सौंप दिया गया।