Deoghar: कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के कारण पिछले दो साल से श्रावणी मेला नहीं लगा था, इस बार मेले का आयोजन हो रहा है। श्रावणी मेला के पहले दिन ही बाबा के भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा है। पूरी बाबा नगरी केसरिया रंग से रंगी नजर आ रही है।
देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने बताया कि देवघर जिला प्रशासन ने श्रावणी मेले में बाबाधाम कांवड़ लेकर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह तैयार कर रखी है। उन्होंने कहा कि दो साल बाद मेला लग रहा है इसलिए इस बार अन्य सालों की तुलना में अधिक संख्या में कांवड़िये बाबाधाम आयेंगे।
उन्होंने कहा कि बेहतर सुविधा के साथ जलार्पण की व्यवस्था की गयी है। कांवड़िये संयम से रहें, सतर्कता बरतें और धैर्य के साथ कतार में लगकर अपनी बारी का इंतजार करें, सबको बेहतर जलार्पण का अवसर मिलेगा। शौचालय, पेयजल, आवासन और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं।
श्रावणी मेले में कांवड लेकर बाबाधाम आने वाले श्रद्धालुओं को दुम्मा और खिजुरिया के बीच स्पीरिचुअल हॉल में सारी सुविधाएं मिल रही है। जहां सभी आराम कर रहे हैं। मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिए सभी प्रवेश द्वार पर डीएफएमडी और एचएचएमडी के साथ पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती की गयी है। साथ ही मंदिर के अंदर निकास द्वार पर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किये गये हैं।
डीसी ने कहा कि मंदिर में अवैध या अन्य सामान ले जाने की अनुमति नहीं है। शिवगंगा सरोवर सहित पूरे मेला क्षेत्र में किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम भी मौजूद है। इसके अलावा इंटीग्रेटेड पुलिस कंट्रोल रूम बनाये गये हैं, जहां से पूरे मेला क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी की जा रही है।
श्रावणी मेला के दौरान ड्रोन कैमरे और कमांड कंट्रोल सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है। सभी भीड़भाड़ वाले इलाके में विशेष बलों की तैनाती की गयी है। कांवड़िया पथ और मेला क्षेत्र में 21 अस्थायी थाना बनाया गया है। वहीं, 11 अस्थायी ट्रैफिक थाने भी बनाये गये हैं। भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी है।
उल्लेखनीय है कि देवघर के बैद्यनाथ धाम में वर्ष भर शिवभक्तों की भीड़ लगी रहती है परंतु सावन महीने में यह पूरा क्षेत्र केसरिया पहने शिवभक्तों से पट जाता है। भगवान भेालेनाथ के भक्त 105 किलोमीटर दूर बिहार के भागलपुर के सुल्तानगंज में बह रही उत्तर वाहिनी गंगा से जलभर कर कांवड़ लिए पैदल यात्रा करते हुए यहां आते हैं और बाबा का जलाभिषेक करते हैं। इस लंबी दूरी में कांवड़ियों के लिए कई पड़ाव हैं।
इन पड़ाव स्थलों पर कांवड़ियों के विश्राम के लिए विभिन्न सुविधाओं से युक्त सरकार व गैर सरकारी संस्थाओं की ओर से विभिन्न सुविधाओं से युक्त धर्मशालाएं व पंडाल लगाए गए हैं। कई श्रद्धालु वाहनों द्वारा भी सीधे बाबा नगरिया आकर जलाभिषेक करते हैं।