Deoghar: देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर के उमा भवन की जमीन से संबंधित एक सिविल वाद मंहत राम बक्स दास बनाम झारखंड सरकार मामले में देवघर कोर्ट के सब जज 3 कुमारी जीव की अदालत ने अपने ऐतिहासिक महत्व के फैसले में उमा भवन के जमीन पर महंत राम रतन बक्स दास और उनके कथित उत्तराधिकारी महंत भोला बक्स दास के दावे को खारिज कर दिया और झारखंड सरकार तथा मंदिर प्रशासन की जीत हुई ।
वास्तव में यह मामला उमा भवन की मंदिर परिसर के अंदर स्थित जमीन से संबधित है । देवघर कोर्ट में 2006 ,में रजौली जिला नवादा बिहार के दावा कर्ता ब्यक्ति महंत राम रतन बक्स दास ने देवघर जिला प्रशासन को मार्फत उपायुक्त देवघर, अनुमंडल पदाधिकारी देवघर, अंचलाधिकारी देवघर और झारखंड राज्य सरकार के विरूद्ध पहले झारखंड उच्च न्यायालय रांची में दायर किया थाI जिसपर विचार करते हुए तत्कालीन न्यायधीश एस•जे•मुखोपाध्याय की एकल खंडपीठ ने याचिकाकर्ता तथा वादी मंहत राम रतन बक्स दास को बिना कोई अनुरोध (Relife) दिये ये कहा था कि वो सक्षम सिविल कोर्ट में चाहें तो वाद दाखिल कर सकते हैं. तत्पश्चात यह सिविल वाद देवघर कोर्ट मे दायर हुआ. जिसमे वादी पक्ष से कुल दस गवाह और नौ दस्तावेजी प्रदर्श अंकित कराये गये. जिसमें श्री महेश्वर प्रसाद सिन्हा अधिवक्ता वर्तमान वादी भोला दास बक्स के पक्ष की ओर से काम किये एवं अंतिम बहस भी किये.
दूसरी ओर सरकार की ओर से सरकार के पक्ष से देवघर कोर्ट के अशोक कुमार राय अधिवक्ता सह अतिरिक्त सरकारी वकील ने मुकदमा का संचालन एवं अंतिम बहस कार्य भी किया. जिसमे राज्य सरकार की ओर से छः गवाह ऋषिराज वर्तमान अंचल निरीक्षक,मनोरंजन डे तत्कालीन अंचल निरीक्षक देवघर, विजय शर्मा तत्कालीन अंचल कार्यालय सहायक देवघर, तत्कालीन अंचलाधिकारी देवघर शैलेश कुमार ,तत्कालीन बाबा बैद्यनाथ मंदिर प्रभारी विन्देश्वरी कुमार झा ने सरकार की ओर से गवाही दी ।
इसतरह 2006 से 2022 तक लगातार सोलह साल की लंबी न्यायिक प्रक्रिया के बाद अंततः राज्य सरकार और मंदिर प्रशासन की जीत हुई तथा उमा भवन की जमीन पर वादी पक्ष का दावा सब जज तीन देवघर की कोर्ट ने खारिज कर दिया । अशोक राय अधिवक्ता सह अतिरिक्त सरकार अधिवक्ता को लगातार दूसरा महत्वपूर्ण केश जीतने पर सरकारी अधिवक्ता धनंजय जी एवं दिवाकर ठाकुर ने बधाई दी है ।