Ranchi: दो-दो बार यूजीसी नेट (UGC NET) क्वालीफाई करने वाला देवघर जिले का राजेश कुमार नौकरी की मांग को लेकर बीते 10 दिनों से राजभवन के पास गुहार लगा रहा है। राजेश अर्थशास्त्र विषय में दिसंबर 2019 और नवंबर 2020 में यूजीसी नेट क्वालीफाई कर चुका है।
70 फीसदी दिव्यांग होने और मैरिट रखने वाला राजेश सिधो कान्हू मुर्मू विवि के कुलाधिपति सह राज्य के राज्यपाल रमेश बैस से 30 मार्च को ही अनुरोध कर चुका है, इसके बाद भी उसकी समस्या का समाधान नहीं हो सका।
देवघर जिले के गांव महादेव अंबा का रहने वाला राजेश कुमार अर्थशास्त्र विषय में नेट क्वालिफाइड है। 70 फ़ीसदी दिव्यांग राजेश ने अपने इस क्वालिफिकेशन के आधार पर सिद्धू कानू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका के कुलाधिपति राज्यपाल रमेश बैस को 30 मार्च 2022 को एक पत्र दिया था। राजभवन सचिवालय की ओर से बजाप्ता इस पत्र की रिसीविंग भी हुई। इस पत्र में राजेश ने बताया है कि वह पिछड़ी जाति से आता है और 70 फीसदी विकलांग भी है। उसने दिसंबर 2019 और 9 नवंबर 2020 में हुए यूजीसी नेट की परीक्षा अर्थशास्त्र विषय से क्वालीफाई की है। वह सिद्धू कान्हो विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र पीजी डिपार्टमेंट में 22 जनवरी 2020 से क्लास लेता रहा था, लेकिन इसके बदले विभाग की ओर से किसी तरह की कोई राशि उसे नहीं दी जा रही थी।
इस पत्र में राजेश ने उल्लिखित किया है कि इस बावत पहले भी आपको सूचित किया गया है। पूर्व में सूचना दिए जाने के बाद राजभवन की ओर से पीजी डिपार्टमेंट में काम करने के बदले पैसे दिए जाने का आदेश दिया गया है, लेकिन इस आदेश का उल्टा प्रभाव राजेश पर पड़ा। विश्वविद्यालय ने अब तक न तो क्लास देने के बदले पैसे दिए बल्कि उसे क्लास लेने से भी हटा दिया गया है। राजेश ने राजभवन को दिए अपने रिमाइंडर लेटर में उक्त बात का जिक्र करते हुए घंटी आधारित शिक्षक बनाने का अनुरोध किया है।