Ranchi: झारखंड की सीनियर आईएएस पूजा सिंघल (Jharkhand’s Senior IAS Pooja Singhal) और उनके पति अभिषेक झा (Her husband Abhishek Jha) एवं अन्य करीबियों के ठिकानों पर शुक्रवार को ईडी (Enforcement Directorate) की मैराथन छापेमारी से राज्य में सियासत और नौकरशाही के गलियारों में हड़कंप मचा रहा। ये छापामारियां अवैध माइनिंग, खनन पट्टों के आवंटन, अवैध निवेश और भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों को लेकर हुई हैं और इनका कनेक्शन कई हाईप्रोफाइल राजनीतिक हस्तियों एवं अफसरों से जुड़ सकता है।
18 जगहों पर सुबह पांच बजे से छापेमारी जारी
ईडी ने झारखंड, बिहार, बंगाल और एनसीआर में 18 जगहों पर सुबह पांच बजे से छापेमारी शुरू की, जो देर शाम खबर लिखे जाने तक जारी थी। आईएएस पूजा सिंघल के करीबी सीए सुमन कुमार सिंह के यहां से 19.31 करोड़ रुपये कैश बरामद किये गये। इसके साथ-साथ अलग-अलग ठिकानों से मकान, जमीन, कारोबार में निवेश के 100 से भी ज्यादा दस्तावेज बरामद किये जाने की खबर है। ईडी ने रांची में पूजा सिंघल के सरकारी आवास, उनके पति अभिषेक झा के आवास, उनके सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के साथ-साथ झारखंड में धनबाद, खूंटी, राजस्थान के जयपुर, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, हरियाणा के फरीदाबाद एवं गुरुग्राम, पश्चिम बंगाल के कोलकाता और बिहार के मुजफ्फरपुर में छापे मारे हैं। छापेमारी में हुई बरामदगी के बारे में ईडी की ओर से आधिकारिक तौर पर जानकारी नहीं दी गयी है।
झारखंड की चर्चित अधिकारी रही हैं
2000 बैच की आईएएस पूजा सिंघल झारखंड की चर्चित अधिकारी रही हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों से उनका गहरा नाता है। आधा दर्जन से भी ज्यादा मामलों में उनपर जांच भी बैठी है। कुछ मामलों में उन्हें क्लीन चिट भी मिला है। इन सबके बावजूद उन्हें हमेशा खास पोस्टिंग मिलती रही। इन दिनों वह दो विभागों खान एवं उद्योग में सचिव के रूप में पोस्टेड हैं। इनके अलावा वह झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की डायरेक्टर के एडिशनल चार्ज में भी हैं।
मनरेगा घोटाले से जुड़ा मामला
भ्रष्टाचार से जुड़े दो मामलों में उनकी भूमिका पर ईडी की जांच चल रही है। हाल में मनरेगा घोटाले के एक मामले में झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर पूरे मामले की जानकारी से संबंधित शपथ पत्र ईडी ने दायर की थी। शपथ पत्र में बताया गया कि झारखंड के खूंटी जिले में मनरेगा में 18.06 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था। उस वक्त पूजा सिंघल जिले की उपायुक्त थीं। इस मामले में वहां के जूनियर इंजीनियर राम विनोद प्रसाद सिन्हा वर्ष 2020 में बंगाल से गिरफ्तार किया गया था। आरोपी इंजीनियर ने ईडी को दिए अपने बयान में यह स्वीकार किया था कि कमीशन की राशि उपायुक्त कार्यालय तक पहुंचती थी।
चतरा में एनजीओ व पलामू के एक निजी कंपनी का भी मामला
चतरा में एक एनजीओ को अग्रिम भुगतान करने और पलामू में निजी कंपनी को भूमि ट्रांसफर मामले की जांच भी ईडी कर रही है। इन दोनों मामलों की चल रही जांच की जानकारी ईडी अपने शपथ पत्र के माध्यम से हाईकोर्ट को दी थी। शपथ पत्र में बताया था कि पूजा सिंघल चतरा जिले में अगस्त 2007 से जून 2008 तक उपायुक्त के पद पर तैनात थीं। आरोप है कि उन्होंने दो एनजीओ वेलफेयर पाइंट और प्रेरणा निकेतन को मनरेगा के तहत छह करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया था। यह राशि मुसली की खेती के लिए आवंटित की गई थी, जबकि इस तरह का कोई कार्य वहां नहीं हुआ था, जिसकी जांच अभी जारी है। इसी तरह पलामू में उपायुक्त रहते हुए पूजा सिंघल पर यह आरोप लगा कि उन्होंने करीब 83 एकड़ वन भूमि को निजी कंपनी को खनन के लिए ट्रांसफर किया था।
झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका
हाल ही में भूमि सुधार मंच नामक एक संस्था ने आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को जेएसएमडीसी के अध्यक्ष और खान सचिव दोनों पदों पर पदस्थापित किए जाने के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें एक साथ दो पदों पर उनकी पोस्टिंग को नियम विरुद्ध बताया गया है। याचिका में कहा गया है कि पूजा सिंघल उद्योग सचिव के पद पर हैं, माइनिंग विभाग की सचिव भी हैं और जेएसएमडीसी की चेयरमैन भी हैं।