spot_img

Jharkhand का एक गांव, जहां होली पर होती है पत्थरों की बारिश

झारखंड के लोहरदगा जिले (Lohardaga district of Jharkhand) में बरही चटकपुर(Barhi Chatakpur) गांव में अनूठी होली होती है।

Ranchi: झारखंड के लोहरदगा जिले (Lohardaga district of Jharkhand) में बरही चटकपुर(Barhi Chatakpur) गांव में अनूठी होली होती है। यहां होली के दिन मैदान में गाड़े गये लकड़ी के एक खूंटे (Pole) को कई लोग उखाड़ने की कोशिश करते हैं और इसी दौरान मैदान में जमा भीड़ उनपर ढेला (Stone) फेंकती है। जो लोग खूंटा उखाड़ने में सफल रहते हैं उन्हें सौभाग्यशाली माना जाता है।

खूंटा उखाड़ने और ढेला फेंकने की इस परंपरा के पीछे कोई रंजिश नहीं होती, बल्कि लोग खेल की तरह भाईचारा की भावना के साथ इस परंपरा का निर्वाह करते हैं। लोहरदगा के वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार बताते हैं कि बीते कुछ वर्षों में बरही चटकपुर की इस होली को देखने के लिए लोहरदगा के अलावा आसपास के जिले से बड़ी संख्या में लोग जमा होते हैं, लेकिन इसमें सिर्फ इसी गांव के लोगों को भागीदारी की इजाजत होती है। यह परंपरा सैकड़ों वर्षो से चली आ रही है। यह यह परंपरा कब शुरू हुई और इसके पीछे की कहानी क्या है, यह किसी को नहीं पता।

होलिका दहन के दिन पूजा के बाद गांव के पुजारी मैदान में खंभा गाड़ देते हैं और अगले दिन इसे उखाड़ने और पत्थर मारने के उपक्रम में भाग लेने के लिए गांव के तमाम लोग इकट्ठा होते हैं। मान्यता यह है कि कि जो लोग पत्थरों से चोट खाने का डर छोड़कर खूंटा उखाड़ने बढ़ते हैं, उन्हें सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ये लोग सत्य के मार्ग पर चलने वाले माने जाते हैं। गांव के लोगों को कहना है कि इस पत्थर मार होली में आज तक कोई गंभीर रूप से जख्मी नहीं हुआ। खास बात यह है कि इस खेल में गांव के मुस्लिम भी भाग लेते हैं। अब ढेला मार होली को देखने के लिए दूसरे जिलों के लोग भी बड़ी संख्या में पहुंचने लगे हैं। इस पर यह परंपरा 19 मार्च को निभाई जाएगी।

Leave a Reply

Hot Topics

Related Articles

Don`t copy text!