Ranchi: झारखंड में अब राज्य के सभी उपायुक्त को मुख्यालय छोड़ने के पहले मुख्य सचिव से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। मुख्यालय छोड़ने के पूर्व उन्हें लिखित या फोन पर मुख्य सचिव की अनुमति अनिवार्य रूप से लेनी होगी। कार्मिक सचिव ने इस आशय का निर्देश सभी उपायुक्तों को पत्र लिखकर दिया है।
बताया जाता है कि कई माध्यमों से सरकार को यह सूचना मिल रही थी कि कई जिलों के उपायुक्त बिना सीएस की अनुमति के ही अवकाश पर चले जा रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने नये सिरे से अवकाश लेने के नियम को स्पष्ट कराया है। कार्मिक सचिव ने इसकी प्रति राज्यपाल सचिव, मुख्यमंत्री सचिवालय सभी सभी विभागीय सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त व सीएस कार्यालय को भी दी है।
कार्मिक सचिव ने कहा है कि प्रमंडलीय आयुक्त को मात्र आकस्मिक अवकाश स्वीकृत करने के लिए ही प्राधिकृत किया गया है। अवकाश के उपयोग, सरकारी कार्य, बैठक में भाग लेने, प्रशिक्षण में भाग लेने, न्यायालय में शपथ पत्र दायर करने या किसी भी अन्य सरकारी तथा व्यक्तिगत प्रयोजन के लिए मुख्यालय परित्याग करने से पूर्व मुख्य सचिव का अनुमोदन प्राप्त करना अनिवार्य है।
26 सितंबर, 2019 को जारी हुआ था सर्कुलर
भारतीय प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों के आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति एवं मुख्यालय छोड़ने संबंधित अनुमति प्रदान करने के संदर्भ में 26 सितंबर, 2019 को ही एक सर्कुलर जारी किया जा चुका है। इसमें स्पष्ट उल्लेख है कि पूर्व में निर्गत दिशा-निर्देशों के अनुरूप उपायुक्त किसी भी अवकाश या सरकारी कार्य से मुख्यालय छोड़ने के पूर्व लिखित या फोन पर मुख्य सचिव की अनुमति प्राप्त करना सुनिश्चित करेंगे। उपायुक्त आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति के लिए प्रमंडलीय आयुक्त से अनुरोध करेंगे तथा इसकी सूचना मुख्य सचिव को देंगे।