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विपक्षी दलों का नया राष्ट्रीय मोर्चा बनाने की पहल, रांची में तेलंगाना के CM मिले झारखंड CM से

बताया गया है कि के चंद्रशेखर राव इन दिनों भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विकल्प तलाशने की कोशिश में लगे हैं। इससे पहले उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे,पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन जैसे भाजपा विरोधी दलों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात कर चुके हैं।

Ranchi: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (Telangana Chief Minister K Chandrashekhar Rao) शुक्रवार की दोपहर झारखंड पहुंचे। उन्होंने राजधानी रांची में झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Jharkhand CM Hemant Soren) से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन सहित कई और लोग मौजूद रहे।दोनों नेताओं के बीच राष्ट्रीय राजनीति पर चर्चा हुई।

बताया गया है कि दोनों नेताओं ने राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों का नया मोर्चा बनाने के मुद्दे पद विचार किया। चंद्रशेखर राव बिहार रेजिमेंट के शहीद जवान कुंदन ओझा की पत्नी नम्रता ओझा को दस लाख रुपये का सहयोग भी करेंगे। गत 16 जून, 2020 को लद्दाख के गलवन घाटी में चीनी सेना से मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त करने वाले कुंदन ओझा झारखंड के साहिबगंज जिले के सदर प्रखंड के डिहारी गांव के रहने वाले हैं।

बताया गया है कि के चंद्रशेखर राव इन दिनों भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विकल्प तलाशने की कोशिश में लगे हैं। इससे पहले उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे,पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन जैसे भाजपा विरोधी दलों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात कर चुके हैं। एक दिन पहले यानी तीन मार्च को राव ने दिल्ली में मोदी का लगातार विरोध कर रहे सुब्रमण्यम स्वामी और भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैट से मुलाकात की। दिल्ली के बाद उन्होंने झारखंड का रुख किया है।

टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना और झारखंड का कनेक्शन जोड़ने के लिए बिहार रेजिमेंट के शहीद जवान कुंदन ओझा का चयन किया है। गलवान घाटी में चीन के साथ झड़प में बिहार रेजिमेंट के शहीद कर्नल बी संतोष बाबू तेलंगाना के सूर्यापेट के रहने वाले थे। संतोष बाबू के साथ झारखंड के रहने वाला बिहार रेजिमेंट के जवान कुंदन ओझा अंगरक्षक के तौर पर साथ थे। दोनों की एक साथ शहादत को दोनों राज्यों के बीच भावनात्मक रिश्ते में बदलने की कोशिश है। इस भावनात्मक रिश्ते को लेकर के चंद्रशेखर राव खुद को झारखंड की राजनीति में चर्चा में लाना चाहते हैं।(HS)

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