New Delhi: गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे(Godda MP Nishikant Dubey) आज लोक सभा मे पंचायत चुनाव और मुंसिपल कॉरपोरेशन चुनाव झारखंड में नही करने के कारण राज्य सरकार पर जम कर निशाना साधा। निशिकांत दुबे ने कहा कि इस देश मे राजीव गांधी जी के नाम से एक आम लोगों के लिए बड़ा अच्छा कानून उन्होंने यहां पेश किया हम उनको आज बधाई देना चाहते हैं और उनके प्रति नमन भी करना चाहते हैं.
संविधान का 73वा और 74वा संशोधन हुआ, जिसमें पंचायत को अधिकार दिया है. मैं जिस राज्य झारखंड से आता हूं उस राज्य में जो इनका कानून पास किया हुआ है. आर्टिकल 243E और आर्टिकल 243U इस दोनों का जबरदस्त वोइलेशन हो रहा है।
पिछले एक साल से पंचायत का चुनाव झारखंड में नहीं हुआ है. मुन्सिपल कारपोरेशन का चुनाव नही हुआ है. जिसकी वजह कोरोना को बताया गया है. जबकि बगल के राज्य बिहार में अभी हाल में चुनाव हुए है. वही बंगाल में भी चुनाव हुए है. कोरोना के बाबजूद इन दोनों जगह चुनाव हो गया है.
लेकिन मैंने जो कहा कि ये आर्टीकल 243 E और U का वायलेशन। अभी जो परिषद के अध्यक्ष थे. निवर्तमान मुखिया थे या जिला परिषद के अध्यक्ष थे उन्हें कंटिन्यू कर दिया गया है जो कि संविधान के तौर पर यह कर ही नहीं सकते। यह कांग्रेस शासित राज्य हैं और उसके पीछे जो कारण है.
जो मुखिया है जो जिला परिषद के अध्यक्ष हैं उसमें केंद्र की जितनी योजनाएं चाहे वह वित्त आयोग का पैसा है चाहे वह मनरेगा का पैसा है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का पैसा है. चाहे स्वास्थ्य का पैसा है, चाहे वह किसी भी प्रकार का पैसा है.
बिजली का पैसा हो सारे पैसे में कमीशन बताएं कोयला का कमीशन हो बटा हुआ है चाहे कोयला का कमीशन हो चाये बालू का कमीशन हो चाहे ट्रांसफर पोस्टिंग हो और इस मुखिया के माद्यम से क्योंकि मुखिया को यहाँ कंटिन्यू किया गया है.
संविधान के आर्टिकल वायलेशन के बाद भी इन्हे कंटिन्यू किया गया है. सभी से कमीशन राज्य सरकार ले रही है. मेरा आपके माध्यम से केंद्र सरकार से आग्रह है कि केंद्र का जितना पैसा आवंटित है. उसकी जाँच होनी चाहिए।क्योंकि आज राजीव गांधी की आत्मा रो ही रही होगी। हमने इस तरह का कानून पास किया उसके बावजूद भी कांग्रेस शासित राज्य में ऐसा हो रहा है. केंद्र के सारे पैसे को रोकना चाहिए। सीबीआई की इंक्वायरी होनी चाहिए और इसमें जो भी दोषी हैं उनको जेल भेजना चाहिए और झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए।
गौरतलब है कि पिछले एक वर्षों से राज्य सरकार कोरोना का रोना रो रही है और राज्य में नाही पंचायत चुनाव नाही मुंसिपल कॉरपोरेशन चुनाव करा रही है जिससे स्थानीय लोगों में भी काफी नाराजगी देखी जा रही है