Deoghar: देवघर एयरपोर्ट के सम्पर्क पथ निर्माण को लेकर अब राज्य सरकार के पथ निर्माण विभाग की तरफ से बेतुके और हास्यपद रिलीज जारी किए गए हैं। रिलीज में कहा गया है कि, सड़क का निर्माण विभाग के तय मानक के अनुरूप ही होना है।
ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि, देवघर हवाई अड्डे के सम्पर्क पथ निर्माण को लेकर अचानक रेस हुए विभाग ने इतनी जानकारी जुटाने की भी जहमत नहीं उठाई की, कितनी लंबी सड़क का निर्माण होना है और मौजूदा स्थिति क्या है?
दरअसल, पथ निर्माण विभाग ने ₹6 करोड़ 9 लाख 14 हज़ार की लागत से देवघर एयरपोर्ट के एप्रोच रोड बनाने के लिए पैसों की स्वीकृति दी है लेकिन, जिस सड़क निर्माण को लेकर अचानक विभाग बेताब नज़र आ रही उसकी तस्वीर ही कुछ और है।
जानकारी के मुताबिक, विभाग ने कुल 1.03 किलोमीटर सड़क निर्माण को लेकर पत्र जारी किया है जबकि, हकीकत यह है कि, 700 मीटर सड़क का निर्माण AOI यानी भारत सरकार की तरफ से और बाकी बचे का गोड्डा सांसद की पहल और प्रयास पर स्थानीय रैयतों ने अपनी ज़मीन दान देकर चंदे के पैसे से पहले ही करा चुकी है। लिहाज़ा, पूरे प्रकरण में सूबे के सीएम ने अपनी फजीहत और विभाग ने अपनी किरकिरी होता देख बगैर किसी होमवर्क के ही आनन-फानन में पत्र जारी कर दिया।
अब ज़रा पत्र में मज़मून उकेरने वाले की कहिलियत भी देखिए, देश के तमाम एयरपोर्ट के रन-वे और उससे जुड़ी सड़क का निर्माण करने AOI यानी एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कराए काम की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े कर गए। लेकिन, राज्य का पथ निर्माण विभाग के सलाहकार और अधिरी यह भूल गए कि, उनके बनाए सड़क की हालत किसी से छिपी भी नहीं है।
बहरहाल, जिस पथ को लेकर सूबे की सरकार और सम्बंधित विभाग में हाय-तौबा मची है उसका निर्माण पूरा हो चुका है। अब देखना यह है कि, अपनी सरकार, अपनी नाकामी और पथ निर्माण विभाग अपनी कहिलियत पर पर्दा डालने के लिए और कितने दांव-पेंच का सहारा लेती है और कबतक भोली-भाली जनता की आंख में धूल झोंकने में कामयाब हो पाती है।