spot_img
spot_img
होमझारखण्डये कैसी व्यवस्था: शुक्रवार को बाबाधाम पहुंचा श्रद्धालुओं का हुजूम, कहा-बाबा की...

ये कैसी व्यवस्था: शुक्रवार को बाबाधाम पहुंचा श्रद्धालुओं का हुजूम, कहा-बाबा की पूजा करने से रोक सकते हैं, दर्शन से नहीं

तस्वीर में दिख रही भीड़ बाबा धाम पहुंचे श्रद्धालुओं की है। जो बाबा मंदिर के अंदर तो प्रवेश नहीं कर सकते लेकिन मंदिर परिसर के बाहर बाबा का दर्शन-पूजन करने की चाह लिए यहां पहुंचे हैं।

Dumka News: संथाल परगना बैडमिंटन चैंपियनशिप का समापन

Deoghar: घर के सामने से मैजिक वाहन की चोरी

Deoghar: कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने को लेकर पुरे देश में तमाम तैयारियां की जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार देश की जनता से सावधान रहने की अपील कर रहे हैं। सभी राज्य के मुख्यमंत्रियों को आगाह कर रहे हैं। झारखंड राज्य में भी कई तरह की पाबंदियां अभी भी जारी है। जिसमें धार्मिक संस्थानों का श्रद्धालुओं के लिए बंद रहना शामिल है। लेकिन, शुक्रवार को राज्य की सांस्कृतिक राजधानी देवघर में दिखा मंजर व्यवस्थाओं पर सवाल उठा रहा है।

ऊपर लगी तस्वीर शिवगंगा से बाबा बैद्यनाथ मंदिर जाने वाली गली की है। ये एक तस्वीर ही सिस्टम की व्यवस्थाओं का पोल खोलने के लिए काफी है। तस्वीर में दिख रही भीड़ बाबा धाम पहुंचे श्रद्धालुओं की है। जो बाबा मंदिर के अंदर तो प्रवेश नहीं कर सकते लेकिन मंदिर परिसर के बाहर बाबा का दर्शन-पूजन करने की चाह लिए यहां पहुंचे हैं। जिन्हें न तो सिस्टम यहां तक एक साथ आने से रोक रही और न ही बाबा के दरबार जाने दे रही।

बाबा मंदिर के बाहर उमड़ा हुजूम

पिछले साल शुरू हुए कोरोना की पहली लहर से अबतक बाबा बैद्यनाथ का दरबार लगभग बंद ही है। इससे सबसे ज्यादा नुकसान मंदिर पर आश्रितों को तो हुआ ही है। साथ ही भोले के भक्त बाबा का दर्शन किये बिना बैचैन हैं। पिछले साल श्रावणी मेला का आयोजन नहीं हुआ है इस साल भी मेला के आयोजन पर संशय बरकरार है। सरकार के समक्ष बार-बार गुहार लगाने के बाद भी बाबा मंदिर कोरोना गाइडलाइन्स के साथ नहीं खोला गया है। कोई बाबा मंदिर के अंदर प्रवेश न करे इसके लिए पहरे लगे हैं। वहीं, शुक्रवार को मुंडन की आखिरी तिथि थी, ऐसे में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। शिवगंगा से बाबा मंदिर तक हजारों की संख्या में भक्त बाबा का दर्शन व मंदिर के बाहर ही मुंडन कराने लगे।

ऐसी भीड़ डरा रही

इस भीड़ को न तो व्यवस्थित करने की कोशिश की गयी और न ही कोरोना के खतरे को देखते हुए इनसे सामाजिक दूरी व मास्क पहनने जैसे नियमों का पालन कराया गया। श्रद्धालुओं ने कहा यहां से हमारी आस्था जुड़ी है। यहां पहुँचने मात्र से ही हमारी मनोकामना पूरी हो जाती है। वहीं, आसपास के दुकानदारों ने बताया कि बाबा मंदिर खुलना चाहिए लेकिन, कोरोना नियमों का पालन करते हुए। ऐसी भीड़ तो डरा रही है। जब मंदिर के बाहर ऐसी भीड़ लग ही रही तो फिर मन्दिर को बंद क्यों रखा गया है। आखिर बॉर्डर पर ही श्रद्धालुओं को क्यों नहीं रोका जा रहा।

कोरोना के तीसरे लहर की संभावना से कैसे निपटेगा प्रशासन

अब सवाल ये है कि कल से बांग्ला सावन शुरू हो रहा और सावन 25 जुलाई से। ऐसे में अगर मंदिर नहीं खुलता है और प्रशासनिक महकमा ऐसे ही मूकदर्शक बनी रहती है तो कोरोना के तीसरे लहर की संभावना से कैसे निपटा जायेगा?

Leave a Reply

Hot Topics

Related Articles

Floating Button Get News Updates On WhatsApp
Don`t copy text!