
रांची: बर्खास्त(Dismissed) जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा की परेशानी बढ़ गयी है। अदालत ने उसके ऊपर चल रहे सभी मामलों की सुनवाई अब ED कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। आय से अधिक सम्पति अर्जित करने के आरोपित राम विनोद सिन्हा के खिलाफ ACB में चल रहे मामलों की सुनवाई अब ED की विशेष कोर्ट में होगी।

ED की ओर से PMLA एक्ट के सेक्शन 44 के तहत अदालत में पिटीशन दायर किया गया था। इसपर सुनवाई के बाद कोर्ट ने राम विनोद सिन्हा से जुड़े सभी मामलों को ईडी कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दे दिया है। भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरे बर्खास्त जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा पर खूंटी में लगभग 17 मामले दर्ज किये गए हैं, जिसकी जांच एसीबी कर रही है।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने मनी लांड्रिंग और आय से अधिक सम्पति अर्जित करने के साथ-साथ कई गड़बड़ियां करने के आरोपी बर्खास्त इंजीनियर राम विनोद प्रसाद सिन्हा को बीते 18 जून 2020 को कोलकाता से गिरफ्तार किया था। आरोपित विनोद सिन्हा दो साल से फरार चल रहा था। ईडी ने 12 दिसंबर 2018 को 2.79 करोड़ की मनी लांड्रिंग के आरोप में सिन्हा पर चार्जशीट दाखिल किया था। राम विनोद सिन्हा ने खूंटी जिला परिषद में पदस्थापित रहते हुए करोड़ों की अवैध संपत्ति अर्जित की थी।
बर्खास्त इंजीनियर राम विनोद सिन्हा पर खूंटी जिला परिषद के मनरेगा योजना से जुड़े 18 करोड़ 76 लाख रुपये के फर्जीवाड़े का आरोप है। एसीबी की जांच में इसकी पुष्टि हुई थी।फर्जीवाड़ा का यह मामला वर्ष 2006 से 2010 के बीच का है। अब तक ईडी ने आरोपी की तीन करोड़ से ज्यादा की सम्पति जब्त की है।