पाकुड़।
कहा जाता है डॉक्टरो को भगवान के बाद दूसरा स्थान का दर्जा दिया गया है। क्योंकि डॉक्टर ही ऐसा है, जो किसी को मौत के मुंह में जाने से बचा सकता है। तिल-तिल मरते किसी इंसान को जिंदगी दे सकता है और खोई हुई उम्मीदों को वापस ला सकता है। इसका जीता जागता उदाहरण पाकुड़ के सोनाजोड़ी सदर अस्पताल में देखने को मिला।
अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने अपने स्वास्थ्य की बगैर चिंता किए कोरोना पॉजिटिव एक गर्भवती का सफल ऑपरेशन किया। महिला ने लड़का को जन्म दिया। टीम में सर्जन लीडर डॉ. शंकर लाल मुर्मू, मुर्छक डॉ. अमित कुमार सहित एएनएम शामिल थे।
दरअसल जिले के हिरणपुर प्रखंड की आदिवासी जनजाति की एक महिला को प्रसव पीड़ा उठने के बाद सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महिला की स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। वह कोरोना पॉजिटिव मरीज भी थी। ऐसे में महिला का ऑपरेशन खतरे से खाली नहीं था। महिला की स्थिति को लेकर बताया जाता है कि अगर सही समय पर ऑपरेशन नहीं होता तो उसकी जान भी जा सकती थी। ऑपरेशन के लिए डॉक्टरों की टीम तो मौजूद थी, लेकिन कोरोना पॉजिटिव महिला का ऑपरेशन से डॉक्टरों के स्वास्थ्य लिए भी खतरा हो सकता था, लेकिन डॉक्टरों की टीम अपनी जान या स्वास्थ्य की परवाह किए बगैर ऑपरेशन के लिए तैयार हो गई। पूरी टीम ने महिला का सफल ऑपरेशन किया। ऑपरेशन में महिला को लड़का जन्म दिया। इस सफल ऑपरेशन में जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ है।
डॉक्टरों की टीम महिला और बच्चों की देखरेख में लगी है। इधर यह मामला जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। हर कोई टीम में शामिल डॉक्टरों को सैलूट कर रहा है। N7India भी डाॅक्टरो के साहस और सफल ऑपरेशन की सराहना कर रहे हैं।