देवघर।
देवघर सदर अस्पताल में उस वक्त हंगामा बरपा जब पुलिस हिरासत में लिए गये मोहनपुर थाना क्षेत्र के लेटवावरण गांव के निवासी शालिग्राम महतो की मौत संदेहास्पद स्थिति में हो गयी। जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर बवाल काटा। न सिर्फ इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया गया बल्कि शालिग्राम महतो की मौत का जिम्मेदार देवघर पुलिस को परिजनों ने बताया।
दरअसल, शालिग्राम महतो एसपी कार्यालय में होमगार्ड के पद पर पदस्थापित था। मोहनपुर थाना क्षेत्र में हुए एक गैंगरेप मामले में एक संदिग्ध आरोपी शालिग्राम महतो के बेटे का नाम आने के बाद पिता शालिग्राम महतो को पूछताछ के लिए पुलिस ने हिरासत में लिया था। इस दौरान गुरुवार की शाम शालिग्राम की तबियत बिगड़ गयी। आनन फानन में उसे सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। जहाँ शुक्रवार की सुबह सदर अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी।
शालिग्राम महतो की मौत के बाद परिजनों ने पुलिस पर उसे प्रताड़ित करने और जबरन विषैला पदार्थ पिलाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।
वहीं, हंगामे की सूचना पर देवघर एसडीपीओ विकासचन्द्र श्रीवास्तव और एसडीएम दिनेश यादव सदलबल मौके पर पहुंचे। देवघर एसडीएम ने हर संभव मदद का भरोसा परिजनों को दिलाया। काफी समझाने-बुझाने के बाद हंगामा शांत हुआ।
मौके पर एसडीएम दिनेश यादव ने परिजनों द्वारा पुलिस पर लगाये गये आरोपों को नकारते हुए कहा कि मृतक का स्वास्थ्य पहले से ही ठीक नहीं रहता था। वो एसपी कार्यलय में कार्यरत थे। हमलोग भी इस घटना से काफी दुखी हैं। बीते कल उन्हें स्टूल पास होने में दिक्कत हो रही थी। तबियत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीं, उन्होंने मृतक के परिजनों को हर संभव मदद और नियम अनुसार उचित मुआवजा दिये जाने की बात कही। हालाँकि, उन्होंने कहा कि सभी बिन्दुओं पर छानबीन की जा रही है।