London: कोरोना वायरस के नए-नए वैरिएंट का आना जारी है। इसी क्रम में संभावना जताई जा रही है कि Covid-19 की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित करेगी। इसे लेकर दुनिया भर में रिसर्च की जा रही है। इस बीच ब्रिटेन की एक यूनिवर्सिटी में हुए रिसर्च के नतीजों से राहत मिली है। दरअसल, इसमें दावा किया गया है कि बच्चों और किशोरों में संक्रमण का असर अधिक खतरनाक नहीं होगा। वायरस से संक्रमण का अधिक खतरनाक रूप केवल उन बच्चों पर दिखेगा जो किसी दूसरे रोग से भी पीड़ित हैं।
बच्चों में कोरोना वायरस (Covid-19) के खतरे को लेकर एक नया अध्ययन किया गया है। इसका दावा है कि बच्चों और किशोरों में कोरोना संक्रमण के गंभीर होने का खतरा बेहद कम होता है। इनमें मौत का जोखिम भी बेहद निम्न पाया गया है। अध्ययन का यह निष्कर्ष ऐसे वक्त सामने आया है, जब कोरोना महामारी की तीसरी लहर को लेकर संभावना जताई जा रही है। ऐसा कहा गया है इस लहर का प्रकोप खासतौर पर बच्चों पर होगा।
शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष ब्रिटेन में पब्लिक हेल्थ डाटा के व्यापक विश्लेषण के आधार पर निकाला है। हालांकि इसमें यह भी पाया गया है कि कोरोना वायरस के संपर्क में आने पर उन बच्चों में संक्रमण गंभीर हो सकता है, जो पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित हैं।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के प्रोफेसर रसेल वाइनर ने कहा, ‘इस नए अध्ययन से जाहिर होता है कि बच्चों और किशोरों में कोरोना संक्रमण के गंभीर होने या मौत का खतरा काफी कम है।’
अध्ययन करने वाले ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन, यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल और यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल के शोधकर्ताओं ने कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों के बचाव और टीकाकरण नीति पर गौर किया जाना चाहिए।