Deoghar: नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन (NCTE) के 333वां इस्टर्न रीजनल कमेटी (ECR) के निर्णय के बाद संताल परगना के छह बीएड कॉलेजों की मान्यता पर संकट मंडराने लगा है। एनसीटीई के निर्धारित मापदंड के तहत देवघर के डीपसर कॉलेज ऑफ एजुकेशन व एएस कॉलेज बीएड, दुमका के एसपी बीएड कॉलेज समेत गोड्डा बीएड कॉलेज, साहिबगंज बीएड कॉलेज व केकेएम कॉलेज बीएड पाकुड़ में फैकल्टी की कमियों के कारण गुणवत्तापूर्ण पक्ष का अभाव, फायर सेफ्टी सर्टिफिकेशन, लैंड सर्टिफिकेट, तय वेतन अथवा मानदेय का भुगतान नहीं किया जाता है। एनसीटीई के द्वारा संबंधित कॉलेजों को नोटिस भेज कर जवाब मांगा गया है।
सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका के कुलपति ने इस मामले में संताल परगना के पांच बीएड कॉलेजों (डीपसर कॉलेज को छोड़ कर) प्रोफेसर इंचार्ज के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर फैकल्टी सहित उपलब्ध संसाधन से संबंधित आवश्यक ब्योरा मांगा है।
एनसीटीई ने कॉलेज प्रबंधन से मांगे दस्तावेज
संताल परगना के विभिन्न बीएड कॉलेजों से अग्नि सुरक्षा का प्रमाण पत्र, बिल्डिंग सुरक्षा का प्रमाण पत्र, भूमि की उपयोगिता का प्रमाण पत्र सहित वेतन भुगतान से संबंधित पिछले छह माह के बैंक स्टेटमेंट की मांग एनसीटीई के द्वारा की गयी है।
कई बीएड कॉलेजों में शिक्षकों की कमी
एसकेएमयू सूत्रों के अनुसार डीपसर कॉलेज को छोड़ संताल परगना के देवघर, दुमका, पाकुड़, गोड्डा व साहिबगंज के विभिन्न कॉलेजों में बीएड में नामांकन के लिए 100-100 सीटें निर्धारित हैं। एनसीटीई की गाइडलाइन के तहत 100 सीट पर 15 शिक्षक व एक एचओडी होना चाहिए। लेकिन, एएस कॉलेज बीएड, देवघर में सिर्फ 10 फैकल्टी कार्यरत हैं, जबकि अन्य कॉलेजों में पांच से सात फैकल्टी ही कार्यरत है।
फैकल्टी को मिलते हैं ₹37000
सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के अधीनस्थ बीएड कॉलेजों के प्रत्येक शिक्षक को हर माह 37,000 रुपये का भुगतान किया जा रहा है, जबकि विभागीय निर्देशानुसार वर्ष 18-19 से ही इनके वेतन में बढ़ोतरी कर 57000 रुपये कर दिया गया है, लेकिन भुगतान नहीं हो रहा है।
डीपसर, देवघर के प्राचार्य बबिता कुमारी का कहना कि एनसीटीई के द्वारा डीपसर कॉलेज ऑफ एजुकेशन संस्थान पर जो भी चार्ज लगाये गये हैं, वे आधारहीन हैं, शो कॉज का जवाब एनसीटीइ को भेज दिया गया है।