नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने बुधवार को कैब कंपनी के नाम पर लोगों को ठगने वाले दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है। ये ठग लोगों से ‘गो इंडिया ग्रुप कैब इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ (Go India Group Cab India Private Limited) के नाम पर लाखों रुपये की ठगी कर फरार हो गए थे। आरोपितों ने लोगों से हजारों रुपये लेकर उन्हें ओला कैब (OLA CAB) दिलाने की बात कही थी। इसके एवज में उन्हें 510 रुपये रोजाना कमाई का झांसा दिया गया था, लेकिन लोगों से पैसा लेने के बाद आरोपित फरार हो गए। जालसाजों ने दिल्ली के 11 लोगों से करीब 13 लाख रुपये ऐंठे थे।
आर्थिक अपराध शाखा के अतिरिक्त आयुक्त आरके सिंह के अनुसार, ठगी के शिकार हुए इसरार सहित 10 लोगों ने आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार, इसरार को रविंद्र शर्मा उर्फ राज नामक एक व्यक्ति मिला था। जिसने बताया कि वह रोड रनर कैब में प्रतिनिधि है।
मोटी कमाई का लालच देकर जालसाजों ने कहा कि रोड रनर कैब (road runner cab) में अगर 76 हजार रुपये इन्वेस्ट करोगे तो बड़ा मुनाफा होगा। इस योजना के तहत ओला कंपनी उनके नाम पर एक टैक्सी खरीदेगी। इससे जुड़े सभी खर्च ओला कंपनी द्वारा उठाए जाएंगे। इस रकम के बदले में उन्हें 510 रुपये रोजाना मिलेंगे, जो उनके खाते में जमा कराए जाएंगे। हालांकि कुछ समय तक उनके बैंक खाते में यह रकम जमा भी कराई गई। उसके बाद बंद हो गई।
पीड़ितों ने पुलिस को बताया कि इस तरीके से आरोपितों ने भारी रकम एकत्रित की और फरार हो गए। इस शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा में बीते वर्ष मामला दर्ज किया गया था। जांच के दौरान पुलिस ने इनके पास मौजूद सभी दस्तावेजों को खंगाला। पुलिस को पता चला कि मुकेश बिजेंदर लाल शर्मा और जयप्रकाश इस पूरी साजिश के पीछे मुख्य आरोपित हैं। आरोपित मुकेश कभी जांच में नहीं पहुंचा और फरार हो गया। वहीं जयप्रकाश भी जांच में सहयोग नहीं कर रहा था।
एसीपी नगीन कौशिक की देखरेख में एसआई आनंद प्रकाश और शिवदेव सिंह की टीम ने मुकेश विजेंदर लाल शर्मा को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद दूसरे आरोपित जयप्रकाश को भी गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपित मुकेश दिल्ली का रहने वाला है और डीयू से उसने ग्रेजुएशन की है। वह फिलहाल मुंबई के मलाड में किराए पर रह रहा था। दूसरा आरोपित जयप्रकाश बीते 20 वर्षों से दिल्ली एनसीआर में रह रहा है। वह मूल रूप से कानपुर का रहने वाला है। फिलहाल वह गाजियाबाद के लाल कुआं इलाके में रह रहा था और वहां पर लस्सी का कारोबार कर रहा था।