नई दिल्ली।
दिल्ली में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने शुरु हो गए हैं। पिछले कुछ दिनों से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए दिल्ली के हालत बिगड़ते नजर आ रहे हैं। इस साल पहली बार एक्टिव मामलों की संख्या भी दो हजार के पार पहुंच गई है। इसके साथ ही संक्रमण रेट में भी बढ़ोत्तरी हुई है। इससे अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
बढ़ सकते हैं मामले
एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि अगर सोशल डिस्टेसिंग और मास्क के नियमों का पालन नहीं होता है तो मामले और बढ़ सकते हैं। महामारी अभी खत्म नहीं हुई है, लेकिन लोगों की भीड़ रेस्त्रा, बाज़ारों जैसी जगहों पर बढ़ने लगी है। पार्टियां होने लगी हैं, जिसमें फिजिकल डिस्टेंसिंग और मास्क जैसी जरुरी चीजों का ध्यान नहीं रखा जाता। लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और डब्ल्यूएचओ व केंद्र सरकार की गाइड लाइनों का पालन करना होगा। इसमें थोडी से चूक होने पर फिर से कोरोना का खतरा मंडरा सकता है।
दिल्ली में पिछले साल जून, सितंबर और नवंबर में कोविड का पीक देख चुके हैं। ऐसे में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चौथी वेव का खतरा बताया जा रहा है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि टैस्टिंग, ट्रेकिंग और आइसोलेशन को जारी रखा जाना चाहिए। साथ ही पॉजिटिव मामले आने पर माइक्रो लेवल पर कंटेनमेंट जाेन बनाकर संक्रमण को फैलने से रोकें।