New Delhi: दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘आज तक’ समाचार चैनल के ट्रेडमार्क (Delhi High Court rejects trademark of ‘Aaj Tak’ news channel) के समान भ्रामक नामों व चिह्नों का उपयोग करने वालों यूट्यूब चैनलों और सोशल मीडिया हैंडल पर इसका उपयोग करने पर रोक लगा दी है।
मामले की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने समाचार चैनल “आज तक” के पीछे की इकाई लिविंग मीडिया इंडिया लिमिटेड के पक्ष में फैसला सुनाया।
अदालत के आदेश ने कई संस्थाओं को बिना अनुमति के “आज तक” चिह्न और इसके व्युत्पन्न रूपों का उपयोग करने से स्थायी रूप से रोक दिया।
आजतक का तर्क था कि ये यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया हैंडल बिना सहमति के “आजतक” चिह्न और इसके विभिन्न डेरिवेटिव का उपयोग करके उसके पंजीकृत ट्रेडमार्क का उल्लंघन कर रहे हैं।
जिन संस्थाओं पर स्थायी रूप से प्रतिबंध लगाया गया है उनमें अबतक न्यूज चैनल, राजस्थान तक, आप तक, हरियाणा तक, समय तक न्यूज, कल तक, अब तक टीवी न्यूज समेत अन्य शामिल हैं।
न्यायमूर्ति शंकर ने कहा कि चूंकि 25 प्रतिवादियों ने समाचार चैनल द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के समान सेवाओं में प्रत्यय “तक” का इस्तेमाल किया था, इसलिए ये निशान प्रथम दृष्टया आज तक के पंजीकृत ट्रेडमार्क का उल्लंघन कर रहे थे।
नतीजतन, अदालत ने स्थायी निषेधाज्ञा का एक आदेश जारी किया, जिसमें इन प्रतिवादियों को ऑनलाइन चैनल या संबंधित सामान और सेवाओं को चलाने के लिए “आज तक” के समान भ्रामक रूप से उपयोग करने से रोक दिया गया।
इसके अलावा, “सच तक न्यूज़” मार्क के साथ एक वेबसाइट, यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया अकाउंट संचालित करने वाले पांच अन्य प्रतिवादियों ने तर्क दिया कि आज तक “तक” प्रत्यय पर विशिष्टता का दावा नहीं कर सकता, क्योंकि इसे अलग से पंजीकृत नहीं किया गया है।
लेकिन, न्यायमूर्ति शंकर ने कहा कि “तक” आज तक के अंकों के लिए “स्रोत पहचानकर्ता” बन गया है, इससे अंकों का एक परिवार बन गया है। इसलिए, अदालत ने इन पांच प्रतिवादियों को अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया पेज हटाने का निर्देश दिया।
यदि वे एक सप्ताह के भीतर अनुपालन करने में विफल रहे, तो सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को स्वयं कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाएगा। (IANS)