New Delhi: केंद्रीय मंत्रिमंडल (central cabinet) ने शुक्रवार को हुई अपनी बैठक के दौरान दूरसंचार विधेयक (telecom bill) को मंजूरी दे दी। घटनाक्रम के जानकार सूत्रों ने यह जानकारी दी।
कैबिनेट द्वारा प्रस्तावित कानून को मंजूरी दिए जाने के बाद, इसे अगले सप्ताह संसद में पेश किए जाने की संभावना है।
विधेयक में ओटीटी, इंटरनेट-आधारित और उपग्रह-आधारित संचार सेवाओं, प्रसारण, इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाओं को इसके दायरे में शामिल करके दूरसंचार सेवाओं का दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव है। हालाँकि, इस प्रावधान पर सोशल मीडिया और प्रौद्योगिकी कंपनियों ने यह तर्क देते हुए आपत्ति जताई थी कि इसके परिणामस्वरूप ओटीटी संचार अनुप्रयोगों का विनियमन हो सकता है।
सरकार पिछले साल सितंबर में दूरसंचार विधेयक 2022 का मसौदा लेकर आई थी और इसे सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए रखा गया था।
प्रस्तावित कानून भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885, भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम, 1933 और टेलीग्राफ तार (गैरकानूनी कब्ज़ा) अधिनियम, 1950 में संशोधन का प्रस्ताव करता है।
विधेयक के मसौदे के अनुसार, स्पेक्ट्रम का आवंटन नीलामी, प्रशासनिक प्रक्रियाओं या सरकार द्वारा तय किए गए किसी अन्य तंत्र के माध्यम से किया जा सकता है। साथ ही यह केंद्र सरकार को दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच संदेशों या संदेशों के एक वर्ग को ब्लॉक करने, रोकने या निगरानी करने का अधिकार देता है। सार्वजनिक आपातकाल या सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे की स्थिति में आवश्यक पाए जाने पर ऐसी कार्रवाई की जा सकती है।
विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, ऐसी परिस्थितियों में दूरसंचार सेवाओं को निलंबित भी किया जा सकता है। (IANS)