New Delhi: चार्टर्ड एकाउंटेंट, लागत एवं संकर्म लेखापाल और कंपनी सचिवों (Chartered Accountants, Cost & Works Accountants and Company Secretaries) के संस्थानों के कामकाज में सुधार से जुड़े विधेयक (bill) को संसद की मंजूरी मिल गई है।
राज्यसभा ने मंगलवार को चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंट्स और कंपनी सेक्रेटरीज (संशोधन) बिल, 2022 को ध्वनि मत से पारित कर दिया। लोकसभा ने 30 मार्च को विधेयक को मंजूरी दे दी थी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Minister Nirmala Sitharaman) ने विधेयक को पेश करते और चर्चा का उत्तर देते हुए उच्च सदन में कहा कि विधेयक से तीन संस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI), इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया और इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (ICSI) की स्वायत्तता प्रभावित नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि इन संशोधन से आडिट की गुणवत्ता बढ़ेगी और देश के निवेश के माहौल में सुधार होगा। इससे संस्थान अधिक जिम्मेदार और जवाबदेह बनाएंगे और उन्हें वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
विधेयक चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एक्ट, 1949, कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंट्स एक्ट, 1959 और कंपनी सेक्रेटरीज एक्ट, 1980 में संशोधन करता है। विधेयक का मकसद इन अधिनियमों के तहत अनुशासनात्मक तंत्र को मजबूत करने और संस्थान के सदस्यों के खिलाफ मामलों के समयबद्ध निपटान करना है। इसके अलावा संस्थान की प्रशासनिक और अनुशासनात्मक शाखाओं के बीच हितों के टकराव को संबोधित करना भी है। विधेयक में संबंधित संस्थानों के साथ फर्मों के पंजीकरण पर एक अलग अध्याय जोड़ा गया है और फर्मों को अनुशासनात्मक तंत्र के दायरे में लाया गया है।
कानून से गैर-चार्टर्ड एकाउंटेंट (CA), गैर-लागत लेखाकार और गैर-कंपनी सचिव को संबंधित संस्थानों की अनुशासनात्मक समितियों के पीठासीन अधिकारी के रूप में नियुक्ती दिलायेगा। विधेयक कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में एक समन्वय समिति के गठन का प्रावधान करता है।