New Delhi/Deoghar: Jharkhand राज्य में एजुकेशनल इंस्टीट्यूट (educational institute) के साथ ही हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर (health infrastructure) सेक्टर में टाटा ट्रस्ट (Tata Trust) की तरफ से दिखाई गई उदासीनता (indifference) को लेकर गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे (Godda MP Nishikant Dubey) ने प्रश्नकाल के दौरान जमकर अपनी भड़ास निकाली।
इस दौरान डॉ दुबे ने साल 2004 से साल 2014 के बीच टाटा ट्रस्ट की तरफ से खर्च किए गए तीन हज़ार करोड़ का हवाला देते हुए पूछा है कि, टाटा ट्रस्ट ने इस अवधि के दौरान कितने मेंबर ऑफ पार्लियामेंट, कितने ब्यूरोक्रेट्स और कितने पत्रकारों के बच्चों को स्कॉलरशिप देकर उच्च शिक्षा दिलाने में मदद की है?.
इतना ही नहीं डॉ दुबे ने संसद में बुलंद आवाज के साथ टाटा ट्रस्ट से पूछा है कि, आप बताएं जिस राज्य से आपने ख्याति अर्जित की, धन कमाया और जहां के खनिज का सबसे ज्यादा दोहन किया उस राज्य के लिए आपने अबतक क्या किया है?।
हालांकि, सांसद ने अपने संबोधन से पहले ही साफ कर दिया था कि, सवाल सिर्फ उस दौरान के विपक्षी सांसदों के ही नहीं बल्कि, बीजेपी के भी सभी सांसदों से जुड़ी है।
बहरहाल, संसद में टाटा ट्रस्ट के वेलफेयर को लेकर पूछे गए सवाल और सरकार से जांच की मांग कर डॉ निशिकांत दुबे ने दूरदर्शिता का परिचय देते हुए राज्य में टाटा ट्रस्ट की तरफ से एजुकेशनल इंस्टीट्यूट समेत उन तमाम इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने को लेकर एक लकीर तो खींच ही दी है।