New Delhi: जामिया मिलिया इस्लामिया की वाइस चांसलर (Vice Chancellor of Jamia Millia Islamia) प्रो नजमा अख्तर को सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया। साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें इस सम्मान के लिए चुना था। इस अवसर पर प्रोफेसर अख्तर के परिवार से उनकी पुत्री फरहा खान और पुत्र साद अख्तर भी मौजूद थे।
प्रो. अख्तर के वीसी रहते हुए जामिया विश्वविद्यालय ने दिसंबर 2021 में नैक की ए प्लस प्लस रैंकिंग हासिल की है। यह किसी भी विश्वविद्यालय को मिलने वाली सर्वोच्च रैंकिंग है। जामिया विश्वविद्यालय का कहना है कि प्रोफेसर अख्तर को देश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में बदलाव के लिए उन्हें एक प्रमुख शिक्षाविद् के रूप जाना जाता है।
शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (National Institutional Ranking Framework) में जामिया को छठी (06) रैंक हासिल हुई है। जामिया विश्वविद्यालय ने वर्ष 2019-20 के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा किए गए सेन्ट्रल यूनिवर्सिटीज परफॉर्मेश इवेल्यूशन में 95.23 प्रतिशत अंक हासिल कर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
13 नवंबर, 1953 को जन्मी प्रो. नजमा अख्तर ने एजुकेशन में ए कम्पेरेटिव स्टडी ऑन कन्वेंशनल एंड डिस्टेंस एजुकेशन सिस्टम ऑफ हायर एजुकेशन विषय पर पीएच.डी. की है। वह एम.ए. एजुकेशन और एम.एससी. बॉटनी की गोल्ड मेडलिस्ट हैं।
उन्होंने प्रोफेसर के रूप में काम किया है तथा राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय (एनयूईपीए), नई दिल्ली में डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेनिंग एंड कैपसिटी बिल्डिंग इन एजुकेशनल की अध्यक्ष भी रहीं। उन्होंने इग्नू, नई दिल्ली में डिस्टेंस एजुकेशन प्रोग्राम में सेवाएं दीं और तत्कालीन इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान की संस्थापक निदेशक रहीं।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में एक्जामिनेशन और एडमिशन कंट्रोलर के प्रतिष्ठित पद के अलावा उन्होंने डायरेक्टर एकेडमिक प्रोग्राम्स का पद भी संभाला। प्रो. अख्तर मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय हैदराबाद, दिल्ली विश्वविद्यालय, असम विश्वविद्यालय और जामिया की चयन समिति और कार्यकारी समिति में विजि़टर नॉमिनी रही हैं।