New Delhi: तहरीक-ए-तालिबान इंडिया (TTI)नाम का एक नया आतंकवादी समूह इंटरनेट पर सामने आया है, लेकिन उसका दावा है कि इसका तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) या अफगान तालिबान से कोई लेना-देना नहीं है। समा टीवी ने यह जानकारी दी है।
इस समूह का नाम उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी में है और संक्षिप्त नाम टीटीआई है जो टीटीपी के समान दिखता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान के तालिबान ने एक बिल्कुल अलग नाम और संक्षिप्त नाम का इस्तेमाल किया है। वे खुद को अफगानिस्तान का इस्लामिक अमीरात कहते हैं, जिसका संक्षिप्त नाम आईईए है।
इस समूह ने 9 फरवरी को एक ट्वीट में घोषणा की कि इसका अमीर मौलाना अल कुरैशी है। समूह का कहना है कि उसने भारत में अपने नेताओं की एक बैठक के बाद गुरुवार को अपनी आधिकारिक गतिविधियों की घोषणा की। यह घोषणा अंग्रेजी, अरबी, उर्दू और हिंदी में की गई थी।
समा टीवी ने बताया कि हालांकि टीटीआई का दावा है कि इसका टीटीपी या अफगान तालिबान से कोई संबंध नहीं है लेकिन इसने तालिबान के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर की एक तस्वीर को रीट्वीट किया है। इसने ट्विटर पर नोटिफिकेशन के जरिए भारत में अपनी शुरूआत की घोषणा की है।
इसने ट्वीट किया, तहरीक-ए-तालिबान भारत के साथ युद्ध या शांति के बिना भारत सरकार के पास कोई विकल्प नहीं है।
संगठन ने तालिबान के नाम को स्पष्ट करते हुए कहातहरीक-ए-तालिबान भारत में तालिबान एक सामान्य नाम है और इसका अफगानिस्तान या पाकिस्तान में तालिबान से कोई लेना-देना नहीं है। भारतीय तालिबान मुस्लिम विद्वानों से बना है और भारत तथा कश्मीर में शांति के लिए बनाया गया है। अब तक हजारों भारतीय और कश्मीरी मुसलमान इसमें शामिल हुए हैं, संगठन ने कहा कि यह टीटीपी की तरह दिखता है जो पाकिस्तान सरकार के खिलाफ युद्ध में है।
टीटीआई ने एक अधिसूचना भी जारी की जिसमें कहा गया कि ट्विटर को भारतीय कानूनी प्रवर्तन एजेंसियों से एक अनुरोध मिला है कि यह सामग्री भारत के कानूनों का उल्लंघन करती है।
बैठक के बाद एक अज्ञात स्थान से ट्वीट कर टीटीआई की स्थापना करने की घोषणा की गई।