नई दिल्ली: हमेशा कीमत में उछाल के लिए निशाने पर रहने वाली भाजपा, इस बार विपक्षी पार्टियों पर हावी नजर आ रही है। दरअसल, दिवाली के मौके पर देश के 22 राज्यों ने अपनी जनता को शानदार तोहफा देते हुए पेट्रोल-डीजल की कीमतों कों कम कर दिया। पेट्रोल और डीजल पर केंद्र की मोदी सरकार के उत्पाद शुल्क यानी वैट कम करने के फैसले के बाद कई राज्यों ने भी अपने यहां वैट में कटौती की है। हालांकि, इसके बावजूद भी कई राज्य ऐसे हैं जहां सरकारों ने कोई कटौती नहीं की है। इन राज्यों में गैर-भाजपा शासित सरकारें हैं।
इसके बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर एक बार फिर राजनीति में उबाल देखने को मिल रहा है। आइए जानते हैं कि आखिर किन 22 राज्यों ने पेट्रोल-डीजल की कीमत कम की है और आखिर वे कौन से गैर-भाजपा शासित राज्य हैं जहां पेट्रोल-डीजल की कीमतों में जनता को कोई राहत अब तक नहीं मिली है..
इन 22 राज्यों ने घटाए दाम
- उत्तर प्रदेश
- बिहार
- मध्य प्रदेश
- गुजरात
- हरियाणा
- हिमाचल प्रदेश
- जम्मू कश्मीर
- कर्नाटक
- उत्तराखंड
- लद्दाख
- चंडीगढ़
- गोवा
- असम
- अरुणाचल प्रदेश
- सिक्किम
- त्रिपुरा
- मणिपुर
- नगालैंड
- मिजोरम
- पुडुचेरी
- दादर एवं नगर हवेली
- दमन एवं दीव
गैर-भाजपा शासित राज्यों में कम नहीं हुए दाम
- दिल्ली
- पंजाब
- राजस्थान
- छत्तीसगढ़
- महाराष्ट्र
- झारखंड
- तमिलनाडु
- पश्चिम बंगाल
- केरल
- ओडिशा
- तेलंगाना
- आंध्र प्रदेश
केंद्र सरकार ने बीते बुधवार को पेट्रोल-डीजल लागू उत्पाद शुल्क यानी वैट में कटौती की घोषणा की थी। इस फैसले के मुताबिक, पेट्रोल पर लागू उत्पाद शुल्क में 5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर लागू शुल्क में 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई। उसके फौरन बाद भाजपा-शासित राज्यों ने भी स्थानीय वैट की दरों में कटौती कर दी। लेकिन गैर-भाजपा शासित राज्यों में हालात अभी भी वैसे ही हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि यहां भी जल्द जनता को राहत मिलेगी।
पेट्रोलियम उत्पादों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क घटने के बाद कई राज्यों ने स्थानीय वैट कम करने का फैसला लिया। स्थानीय वैट शुल्क न सिर्फ पेट्रोल-डीजल की आधार कीमतों बल्कि केंद्रीय उत्पाद शुल्क पर भी निर्भर करता है। इस वजह से पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क कम करने के फैसले का विभिन्न राज्यों में प्रभावी असर अलग-अलग रहा।