नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के 12वीं कक्षा के मूल्यांकन फॉर्मूला को मंजूरी प्रदान करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का आभार व्यक्त किया है।
सीबीएसई ने कोरोना महामारी के कारण रद्द शैक्षणिक सत्र 2020-21 की 12वीं कक्षा की परीक्षा के विद्यार्थियों के मूल्यांकन की नीति सुप्रीम कोर्ट के समझ रखी। सीबीएसई द्वार गठित 13 सदस्यीय समिति ने 30:30:40 फॉर्मूले की सिफारिश की है।
फॉर्मूले के मुताबिक 12वीं का परिणाम 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा में मिले नंबरों के आधार पर तय होगा। सीबीएसई ने कहा है कि 10वीं और 11वीं के तीन मुख्य विषयों के आधार पर 30-30 प्रतिशत अंक दिए जाएंगे।
12वीं कक्षा के प्री-बोर्ड परीक्षाओं को 40 प्रतिशत महत्व दिया जाएगा। प्रैक्टिकल में स्कूलों द्वारा दिये गये अंकों के आधार पर अंक दिए जाएंगे।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, “12वीं कक्षा के विद्यार्थियों का परिणाम तैयार करने के लिए सीबीएसई की नीति एवं प्रक्रिया को संस्तुति प्रदान करने हेतु भारत के सर्वोच्च न्यायालय का बहुत-बहुत आभार। उन्होंने कहा कि सीबीएसई द्वारा सभी हितधारकों से व्यापक परामर्श के बाद यह नीति अपनाई गई है, जो विद्यार्थियों के हित में है।”
आगे उन्होंने कहा कि अंतिम परिणाम की गणना करते समाय कक्षा 10वीं के तीन सबसे अच्छे थ्योरी अंकों का औसत, कक्षा 11वीं की थ्योरी के 30 प्रतिशत का वेटेज व कक्षा 12वीं की थ्योरी का 40 प्रतिशत वेटेज लिया जाएगा। प्रैक्टिकल में दिए गए अंक जैसे हैं, वैसे ही लिए जाएंगे।
शिक्षा मंत्री ने कहा, “जो विद्यार्थी इस प्रक्रिया के तहत अपने परिणाम से संतुष्ट नहीं हैं, उन्हें स्थितियां अनुकूल होने पर सीबीएसई द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाएगा। हमारी सरकार प्रत्येक स्थिति में शिक्षा से जुड़े सभी हित धारकों के हितों एवं उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है।