अलवर : शहर में सरकारी नौकरी में जाने के लिए कॉम्पिटिशन की तैयारियां कराने वाली कई कोचिंग सेंटर खुले हुए है। जहां लाखों बच्चे अपने भविष्य को बनाने के लिए आते हैं लेकिन एक ऐसी कोचिंग संस्था भी जहां रिसेप्शन से लेकर कार्यालय तक तथा बच्चों के पढ़ने के सभी कमरों का नाम देश के क्रांतिकारियों व महान व्यक्तियों के नाम पर है। यहां हम बात कर रहे हैं मोतीडूंगरी स्थित केपी कैंपस की। जहां रानी लक्ष्मीबाई से लेकर शहीद भगतसिंह, चंद्रशेखर आजाद, डॉ अब्दुल कलाम आदि महान लोगों की बड़ी-बड़ी फोटो संस्थान द्वारा गेट पर लगवाई गई है।
संस्था के निदेशक इंजीनियर केपी यादव का कहना है कि इसके पीछे बस एक ही उद्देश्य है कि युवा पीढ़ी को देश पर अपने प्राण न्यौछावर करने वाले उन महान क्रांतिकारियों का स्मरण हमेशा रहे। वह उनसे अपने जीवन में प्रेरणा ले। देश की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहें। युवाओं की सोच में देश हमेशा सर्वोपरि रहे। युवा ही देश का विधाता है। युवा ही देश को उन्नति के पथ पर ले जाएगा। यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स जब भी कक्षा कक्ष में आएगा जाएगा उस फोटो को देख उसके मन में ना चाहते हुए भी हमेशा उन क्रांतिकारियों व महान लोगों का स्मरण बना रहता है।
रिसेप्शन से कार्यालय तक सभी के क्रांतिकारी नाम
केपी कैंपस में रिसेप्शन से लेकर कार्यालय व बच्चों के पढ़ने के कक्षों, स्टूडियों आदि का नाम क्रांतिकारियों व महान लोगों के नाम से रखा गया है। कैंपस में गेट पर ही रिसेप्शन बना है जिसका नाम सरदार वल्लभ भाई पटेल इसके पास ही निदेशक कार्यालय महाराणा प्रताप कक्ष, 2 हॉल है जहां स्टूडेंट्स पढ़ते है उनमें एक कक्ष का नाम शहीद भगतसिंह, दूसरा चंद्रशेखर आजाद कक्ष है। ऊपर हॉल स्वामी विवेकानन्द कक्ष, स्टाफ रूम रानी लक्ष्मीबाई कक्ष, इससे ऊपर बना हॉल सुभाष चन्द्र बोस कक्ष, इसी के पास स्टूडियों बना है जिसका नाम डॉ अब्दुल कलाम स्टूडियों है।
शहीदों के बच्चों को फ्री है पढ़ाते
संस्था की ओर से शहीदों के बच्चों को फ्री पढ़ाया जाता है। एक्स सर्विसमैन को 40 प्रतिशत फीस में छूट दी जाती है। यादव ने बताया कि वह अपनी इनकम का 40 प्रतिशत धार्मिक व सामाजिक कामों में दान करते हैं। इसके अलावा वह अपना जन्मदिन हमेशा सैनिकों के साथ मनाते हैं।
जरूरतमन्दों को ब्लड भी उपलब्ध कराते हैं
यादव ने बताया कि संस्था द्वारा 2016 से जरूरतमन्दों को रक्त भी उपलब्ध कराया जाता है। हालांकि वह रक्तदान के लिए कभी शिविर नहीं लगाते। उनका कहना है कि जरूरत पड़ने पर तुरन्त रक्तदाता जाकर रक्त दे देता है। इसके लिए उन्होंने स्टूडेंट का ही एक ग्रुप बनाया हुआ है। जो कि स्वेच्छा से रक्तदान करते हैं। अबतक वह करीब 1900 यूनिट रक्त लोगों को उपलब्ध करा चुके है। इसके अलावा सृष्टि फाउंडेशन के माध्यम से आदिवासी क्षेत्रों में महिलाओं को सेनेटरी पेड उपलब्ध कराए जाते हैं।