देश
कला और संस्कृति को लेकर राजस्थान पहले से मशहूर है। राजस्थान के कण कण में कला और संस्कृति बसी हुई है जिसे बस ज़रुरत है तो उसे थोड़ा तराशने की।
राजस्थान के सरहदी जिले में एक दिव्यांग रहता है जिसका नाम है भैराराम। भैराराम भारमेर जिले के चौखड़ा गांव में रहते है। इनकी कला को देख कर लोग दंग रह जाते है की कैसे एक दिव्यांग बोतल के अंदर चारपाई बना कर उसे बेचता है। भैराराम ने आत्मनिर्भर बन कर इसे अपना रोज़गार बना लिया है। भैराराम पहले एक लकड़ी की चारपायी तैयार करते है और फिर बाद में उसे शराब की बोतल में बंद कर के बेचते है। उनकी इस अनोखी कला को देख कर लोग दंग रह जाते है।
आमतौर पर देखा जाता है की दिव्यांग लोग दुसरो पर निर्भर रहते है पर भैराराम ठीक उनके विपरीत है। ये स्वाभिमान के साथ अपने दम पर अपना और अपने परिवार का पेट भरते है। भैराराम अपने पैरो पर चल नहीं सकते पर कहते है न भगवान एक रास्ता बंद कर देता है तो दूसरा रास्ता खोल देता है। भैराराम भले ही दिव्यांग है पर भगवान ने उन्हें एक खास कला से नवाज़ा है जिससे वो अपना और अपने परिवार का जीवन-यापन करते है।