नई दिल्ली।
केन्द्र सरकार ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष जी. सतीश रेड्डी के सेवा को विस्तार दिया है।
सरकार ने जी. सतीश रेड्डी के कार्यकाल को दो साल के लिए बढ़ा दिया है।
दरअसल, जी सतीश रेड्डी को अगस्त 2018 में दो वर्षों के लिए इस पद पर नियुक्त किया गया था। केन्द्र सरकार द्वारा जारी एक बयान में जानकारी दी थी कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने डीआरडीओ अध्यक्ष के रूप में जी. सतीश रेड्डी के कार्यकाल के विस्तार को मंजूरी दी है। साथ ही 26 अगस्त के बाद दो वर्षों के लिए वह रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव भी होंगे।
कहा जाता है राकेट मैन
जी.सतीश रेड्डी को रॉकेट मैन भी कहा जाता है। उन्होंने भारत के पहले इंटरकॉनिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल मिशन अग्नि-वी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। रेड्डी का नौवहन और वैमानिकी प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अहम योगदान रहा है। उन्होंने अनुसंधान केंद्र के निदेशक के रूप में भी कई अहम रक्षा परियोजनाओं में अहम भूमिका निभाई है। जी सतीश रेड्डी को मिसाइल सिस्टम में उनके शोध और विकास के लिए जाना जाता है और एयरोस्पेस प्रौद्योगिकियों और उद्योगों के उन्नयन की दिशा में भी उन्होंने निरंतर योगदान दिया है। जी सतीश रेड्डी की अगुवाई में ही एवियनिक्स सिस्टम तैयार किया गया था।
जी. सतीश रेड्डी भारत के एक वायु-अन्तरिक्ष वैज्ञानिक, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अध्यक्ष हैं। वे रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और प्रक्षेपास्त्र एवं रणनीतिक प्रणालियों के महानिदेशक भी हैं।