

नई दिल्ली: Cooking Oil की कीमतों में जल्द गिरावट आएंगी। क्योंकि सरकार ने पाम ऑयल, सोया तेल और सूरजमुखी के तेल पर बेस इंपोर्ट टैक्स में कटौती की है। एक सरकारी आदेश से इस जानकारी की पुष्टि हुई है।


सरकारी आदेश के मुताबिक बेस इंपोर्ट टैक्स में कटौती करने का मुख्य कारण तेल की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण करना है। बेस इंपोर्ट टैक्स में कटौती करने से भारत में खाद्य तेलों की कीमतों में कमी देखने को मिल सकती है और यह खपत को बढ़ावा दे सकती है, जिससे दक्षिण एशियाई देश द्वारा विदेशों में खरीद प्रभावी रूप से बढ़ सकती है।

सरकार द्वारा शुक्रवार को देर रात एक अधिसूचना में कहा गया कि कच्चे पाम तेल पर बेस इंपोर्ट टैक्स को 10 फीसद से घटाकर 2.5 फीसद का कर दिया गया है, जबकि कच्चे सोया तेल और कच्चे सूरजमुखी के तेल पर बेस इंपोर्ट टैक्स को 7.5 फीसद से घटाकर 2.5 फीसद का कर दिया गया है। इसके अलावा पाम ऑयल, सोया ऑयल और सनफ्लावर ऑयल के रिफाइंड ग्रेड पर बेस इंपोर्ट टैक्स 37.5 फीसदी से घटाकर 32.5 फीसदी कर दिया गया है।
कटौती के बाद, कच्चे पाम तेल, सोया तेल और सूरजमुखी तेल के आयात पर कुल 24.75 फीसद टैक्स लगेगा, जिसमें 2.5 फीसद बेस इंपोर्ट ड्यूटी और अन्य कर शामिल हैं, जबकि पाम तेल, सोया तेल और सूरजमुखी के तेल पर रिफाइंड ग्रेड पर कुल 35.75 फीसद का टैक्स लगेगा।
गौरतलब है कि भारत अपनी दो-तिहाई से अधिक खाद्य तेल की मांग को आयात के माध्यम से पूरा करता है और पिछले कुछ महीनों से स्थानीय तेल की कीमतों में होने वाली बढ़त को रोकने के लिए संघर्ष कर रहा है। देश मुख्य रूप से शीर्ष उत्पादकों इंडोनेशिया और मलेशिया से ताड़ के तेल का आयात करता है, जबकि अन्य तेल, जैसे सोया और सूरजमुखी, अर्जेंटीना, ब्राजील, यूक्रेन और रूस से आते हैं।