Saharsa: ये सच है कि कोई भी माता पिता अपने बच्चों की खुशियों के लिए किसी भी हद तक जाते हैं अब चाहे इसका सिला बच्चे बाद में दें या नही। ऐसे ही एक जुनूनी पिता की बानगी बिहार के सहरसा जिले से आई है। सहरसा जिले के सहुरिया गांव के रामचन्द्र यादव ने अपने बेटे अतुल आनंद के क्रिकेट खेलने के जुनून को देखते हुए अपनी जमीन बेचकर अपने घर के सामने ही अतुल के लिए बनवा दिया सीमेंटेड पिच और लगवा दिए नेट ताकि बेटे को प्रैक्टिस करने में परेशानी न हो।
Lockdown में Patna से वापस लौट आया था अतुल
वैसे अतुल सहरसा जिले के क्रिकेट टीम का एक अभिन्न अंग अभी भी है। क्रिकेट के जुनून की वजह से वो कुछ दिनों तक पटना में रहकर भी प्रयास कर रहा था। मगर लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान सभी चीजें बन्द हुई तो मजबूरन गांव लौट आया। मगर क्रिकेट का प्रैक्टिस उसने जारी रखा। पिता रामचन्द्र ने बताया कि जब भी स्थानीय स्तर पर कुछ अच्छा करता और लोगों से उसके चर्चे होते हैं तो विश्वास बढ़ जाता है कि एक न एक दिन अतुल राज्य और देश का नाम जरूर रौशन करेगा। कहा कि इसी के जुनून की वजह से कुछ जमीन बेचकर अपने घर के सामने ही एक पिच और नेट लगा दिए ताकि प्रैक्टिस में कोई दिक्कत नही हो।
अतुल को भी पिता की कुर्बानियों का है दर्द
इधर अतुल आनंद को भी पिता और परिजनों के कुर्बानियों का दर्द होता है। कहते हैं कि पापा और परिवार वाले मेरे सपने को पूरा करने को इतनी कुर्बानियां दे रहे हैं, तो मेरा भी फर्ज बनता है कि पापा के कुर्बानियों का प्रतिफल दूं। इसलिए दिन रात पसीना बहाता हूँ। उन्होंने कहा कि मुझे आशा ही नही पूर्ण विश्वास है कि एक न एक दिन मैं अपने देश के लिए खेलूंगा और पापा के सपने को भी पूरा करूंगा। पिता पुत्र के इस जुनून को हमारा भी सलाम है।