Patna: जातीय जनगणना (caste census) के मुद्दे पर राजद अब आर-पार के मूड में आ गई है। राजद के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने मंगलवार को मुख्यमंत्री को इस इस मुद्दे पर अल्टीमेटम देते हुए कहा कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) 72 घंटे के अंदर अपनी मंशा और स्थिति स्पष्ट करें। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ दो दिवसीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में जातीय जनगणना, महंगाई, रोजगार, पलायन, बिहार में बढ़ती गरीबी, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और पैकेज सहित अन्य ज्वलंत मुद्दों पर विशेष रूप से चर्चा की गई।
बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए तेजस्वी ने कहा कि साम्प्रदायिक शक्तियां देश और बिहार के भाईचारे को तोड़ना चाहती है। बंटवारा और तनाव का माहौल बनाकर असल मुद्दे से लोगों के ध्यान को भटकाया जा रहा है। सरकार में चर्चा हिन्दु-मुसलमान, मंदिर-मस्जिद, लाउडस्पीकर और बुलडोजर पर की जा रही है। जनता को असल सवालों से भटकाया जा रहा है।
उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि जनता के सवालों पर तथा बेरोजगारी और जातीय जनगणना की मांग को लेकर एक बड़ा संघर्ष और आन्दोलन किया जायेगा और इन सब सवालों को लेकर पटना से दिल्ली तक पदयात्रा की जायेगी।
जातीय जनगणना के मुद्दे पर सर्वदलीय शिष्टमंडल प्रधानमंत्री से मिल चुका है। केन्द्र सरकार के इंकार करने पर नीतीश कुमार ने स्वयं कहा था कि हम अपने स्तर से बिहार में जातीय जनगणना करायेंगे, लेकिन बाद में वे सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात करने लगें जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं है।
उन्होंने मुख्यमंत्री को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि 48 से 72 घंटे के अन्दर यह बतायें कि जातीय जनगणना कराने में क्या कठिनाई है। अगर आपकी मंशा साफ नहीं है और इस मामले में अगर कोई कठिनाई है तो वो भी लोगों को बताएं। मैं स्वयं मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगूंगा।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा ऑनलाइन गणना की बात की गई है, उसमें उन्हें एक कॉलम सिर्फ जातीय जनगणना का जोड़ना है। आखिर केन्द्र और बिहार सरकार को परेशानी किस बात का है?
उन्होंने आगे कहा कि बीपीएससी का पर्चा लीक होने का जिम्मेदारी और जवाबदेही किस पर होगी सरकार स्पष्ट करे।