बेगूसराय
कोरोना का संक्रमण धीरे-धीरे कम हो रहा है। लेकिन यह समाज और परिवार के कई तरह के दर्दों को दिखाते जा रहा है। लोगों के संक्रमित होने बाद परिजन और पड़ोसी समेत अन्य लोग डर जाते हैं, मुंह फेर लेते हैं। लेकिन सात जन्मों तक साथ निभाने का वादा करने वाली पत्नी अंतिम समय तक साथ रहने का वादा निभाते हुए अंतिम संस्कार तक कर रही है।
मंगलवार को भी बेगूसराय में कोरोना संक्रमित की मौत होने के बाद जब किसी ने भी साथ देने से इंकार कर दिया तो पत्नी खुद ही पति की लाश लेकर गंगा किनारे पहुंच गई और अधिकारियों की उपस्थिति में मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार करवाया। मामला बखरी नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर-19 शकरपुरा की है। शकरपुरा निवासी वृद्ध त्रिभुवन सिंह की हालत गंभीर होने पर 23 मई को जब बखरी पीएचसी में कोरोना जांच कराया गया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। हालत की गंभीरता को देखते हुए और से बेगूसराय सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां कि इलाज के दौरान सोमवार की रात उनकी मौत हो गई।
पति की मौत के बाद पत्नी निशा देवी ने अपने पड़ोसियों और कुछ गांव वालों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन संक्रमण फैलने के डर से कोई सामने नहीं आया। अंतिम संस्कार में समस्या की जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन ने तुरंत संज्ञान लिया तथा सदर एसडीओ संजीव कुमार चौधरी के निर्देश पर बरौनी के अंचल अधिकारी सुजीत सुमन ने सिमरिया गंगा तट पर अंतिम संस्कार की व्यवस्था किया। इस दौरान मौजूद एकमात्र पत्नी निशा देवी ने खुद ही अपने पति की चिता सजाने में सहयोग कर उपलब्ध कराया गया पीपीई किट पहनकर मुखाग्नि दिया तथा तथा राख गंगा में मिलने तक मौजूद रही।
निशा देवी ने बताया कि उसे तीन पुत्र हैं, जिसमें बड़ा पुत्र अनिल गूंगा और बहरा है, दो पुत्र सुनील और राजीव दिल्ली में मजदूरी करता है। रात में इलाज के दौरान पति की मौत हो गई, अत्यंत गरीब रहने के कारण गांव-समाज के कोई लोग मदद करने के लिए सामने नहीं आए।जिसके बाद प्रशासन ने दाह संस्कार की व्यवस्था की है। 42-43 वर्ष पूर्व हमने साथ रहने का किया गया वादा निभाया। वृद्ध हैं तो क्या हम भी अब अबला नहीं हैं, दुनिया-समाज किसी ने भले ही मेरे पति का अंतिम वक्त तक भी साथ नहीं दिया। लेकिन हमने अपना फर्ज निभाया है, ऐसे मामलों में समाज को आगे आकर मदद करनी चाहिए थी।